भगवा भेष में छुपे भेड़ियों से सावधान

ढोंगी बाबा की करतूत का शिकार

कई ढोंगी और अय्याश लोग साधुवेश में हमारे देश में भारी संख्या में जहां-तहां अपने अड्डे जमाये बैठे हैं। तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के गोरखधंधों के सहारे इनके कारोबार चल रहे हैं। कई नासमझ रुढ़िवादी अंधविश्वास के पक्के लोग इनके जाल में फंसते हैं तथा कुछ पाने की लालसा में बहुत कुछ गंवा बैठते हैं। समय-समय पर इस तरह के पाखंडियों की हकीकत भी खुलती रहती है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के थाना रजबपुर के एक गांव में इसी तरह के एक अपराधी बाबा के कारनामों का भंडाफोड़ हुआ है। यह भंडाफोड़ पुलिस या किसी सामाजिक कार्यकर्ता ने नहीं किया बल्कि इस ढोंगी बाबा की करतूत का शिकार एक किशोरी के परिवार वालों ने किया है। किशोरी का ढोंगी बाबा तथा उसके मिलने वाले कई लोगों ने एक माह तक शारीरिक शोषण किया। यह सब ढोंगी पर एक सीमा से अधिक विश्वास करने के कारण हुआ।


न जाने कितने बाबा अभी इस तरह के कुकृत्यों में संलग्न हैं तथा अनेक नेता, अभिनेता तथा समाज में भले कहे जाने वाले लोग उनकी सेवाओं में भेड़ाचाल की तरह लगे हैं.


दरअसल किशोरी के परिजन उसकी बीमारी से परेशान थे। किसी ने ढोंगी बाबा के बारे में उन्हें बताया कि वह इलाज कर सकता है। परेशान परिजन यह सोचकर चले कि इसे भी देखते हैं। एक-दो बार इलाज के लिए आने पर बाबा उन्हें ताड़ गया होगा, और उनपर मुफ्त इलाज के बहाने किशोरी को एक माह के लिए अपने पास छोड़ने के लिए परिजनों को राजी कर लिया। वे उसे ढोंगी के पास छोड़ गये। कुछ दिन बाद वे ढोंगी बाबा के पास आये तो उन्हें लड़की वहां नहीं मिली। पुलिस के सहयोग से जब दबाव बनाया गया तो ढोंगी ने लड़की अमरोहा एक व्यक्ति के पास से बरामद करायी।

लड़की ने बताया कि उसे जबरदस्ती दूसरे लोगों के कमरे में रात भर रखा जाता था, जहां उसके साथ दुराचार किया जाता था। पुलिस की गिरफ्त में बाबा है तथा इसमें कानूनी कार्रवाई होगी।

बलात् यौनाचार के मामले में एक बड़ा बापू जेल में है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में परमानंद तिवारी नामक एक बाबा हाल ही में पकड़ा गया है। न जाने कितने बाबा अभी इस तरह के कुकृत्यों में संलग्न हैं तथा अनेक नेता, अभिनेता तथा समाज में भले कहे जाने वाले लोग उनकी सेवाओं में भेड़ाचाल की तरह लगे हैं। भगवा वस्त्रों में छुपे भेड़ियों का पता तब चलता है जबतक वे बहुत कुछ कर चुके होते हैं। जनता में ऐसे लोगों के बारे में जागरुकता जरुरी है।

-जी.एस. चाहल.