विकासखंड जोया में इंदिरा आवास योजना में दस लाख पचास हजार के घोटाले का खुलासा हुआ है। कमिश्नर द्वारा करायी जांच में बीडीओ समेत चार अधिकारियों की मिलीभगत सामने आयी है। 2014-15 में हुए इस घोटाले में गांव औरंगाबाद की तत्कालीन प्रधान आमना खातून की गर्दन भी फंस गयी है। घोटाले के धन की वसूली की प्रक्रिया शुरु कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी जारी है। इस सिलसिले में गांव के ही नईमुद्दीन और अब्दुल कादिर ने मंडलायुक्त से शिकायत की थी।
जोया ब्लॉक के गांव औरंगाबाद में पूर्व प्रधान आमना खातून के कार्यकाल में 15 लोगों का इंदिरा आवास योजना के लिए चयन किया। ये सभी अपात्र थे, जिन्हें बिना मानक पूरे किये ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव राजवीर सिंह ने ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर बिना अनुमोदन के ही लाभान्वित करा दिया। इसमें सहायक विकास अधिकारी, सेक्टर अधिकारी, पटल सहायक और बीडीओ ने भी संस्तुति कर दी। इस संबंध में जिले के उच्च अधिकारियों को भी अवगत नहीं कराया।
इस बारे में गांव के दो लोगों नईमुद्दीन और अब्दुल कादिर ने मंडलायुक्त से शिकायत की। उनके शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए इंदिरा आवास में हुए घोटाले की जांच का आदेश डीएम वेदप्रकाश को भेजा। डीएम ने तत्काल प्रभाव से ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक पदमकांत शुक्ला को जांच सौंप दी। जांच में सभी लोग अपात्र पाये गये। जिसके लिए तत्कालीन ग्राम प्रधान से लेकर पंचायत सचिव, एडीओ, सेक्टर अधिकारी, बीडीओ तथा पटल उत्तरदायी माने गये।
परियोजना निदेशक पदमकांत शुक्ला के अनुसार अपात्र लोगों से प्रत्येक व्यक्ति 28 हजार तथा अधिकारियों से योजना में खर्च धन का बीस-बीस प्रतिशत वसूला जायेगा। इसी के साथ चारों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।