हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। रविवार से प्रारंभ जाट आंदोलन को लेकर सरकार चौकस है। हालांकि आंदोलन को दो हिस्सों में बांटने की खबरें भी बीच-बीच में सुनाई दे रही हैं। ऐसे बयान आये हैं जो यह साबित कर रहे हैं।
ताजा बयान में सर्वखाप की ओर से कहा गया है कि जाट नेता यशपाल मलिक अपनी राजनीति चमकाने के लिए जाटों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे राज्यसभा में जाना चाहते हैं इसलिए जाटों का आंदोलन करा रहे हैं। सरकार और यशपाल मलिक के बीच मिलीभगत का भी सर्वखाप के प्रवक्ता सूबे सिंह सैमाण ने आरोप लगाया है।
![]() |
यशपाल मालिक उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के काफुरपुर में 2011 में मौजूद थे. |
सूबे सिंह के आरोप यह भी है कि जाट आंदोलन में जाट संगठन तथा खाप पंचायतें शामिल नहीं हैं। इसके बाद भी आंदोलन हो रहा है जिसकी मंशा समझी जा सकती है। उन्होंने सीधे तौर पर यशपाल मलिक की मंशा पर सवाल उठाया है।
हरियाणा सरकार जाट आंदोलन पर बारीकी से नजर रखे हुए है। वह उन बयानों पर भी नजर बनाये हुए है जो समय-समय पर दिये जा रहे हैं।
साथ ही मनोहर लाल खट्टर सरकार पर जाटों का दबाव बढ़ता जा रहा है। वह जल्दी से इसका हल निकालने की सोच रही है। लेकिन लगता है इसका हल कोर्ट के फैसले के बाद ही निकल सकता है।