बिलारी के विधायक हाजी इरफान की मौत की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसमें इएमओ की लापरवाही नहीं थी, बल्कि अस्पताल प्रशासन की सूझबूझ का परिचय नहीं देने की बात सामने आयी है। विधायक की मौत में लापरवाही के आरोप लगाये जाने के बाद एक जांच कमेटी का गठन हुआ था। उसकी रिपोर्ट प्रमुख सचिव को सौंप दी गयी है।
इसी साल 10 मार्च को बिलारी विधायक हाजी इरफान शिवपाल यादव के बेटे के विवाह कार्यक्रम में शामिल होने सैफई जा रहे थे। तेज गति से चल रही उनकी फाॅरच्यूनर कार का टायर फट गया जिससे गाड़ी पलट कर पेड़ से टकरा गयी थी। हादसा इतना जबरदस्त था कि चालक फरजान सहित दो लोगों की मौत हो गयी थी।
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हाजी इरफान गंभीर रुप से घायल हो गये थे। बरेली के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गयी थी। उनका पुत्र फहीम भी घायल हो गया था।
बेटे फहीम की ओर से इएमओ डा. राजेश वर्मा और पूर्व सीएमएस डा. एसके अग्निहोत्री के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया गया था। उसकी एक तहरीर थाने में दी गयी थी। मामले की जांच की गयी।
जांच कमेटी निदेश डा. एसपी त्रिपाणी और जेपी आर्या ने सभी के बयान भी लिये थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट प्रमुख सचिव अरविन्द कुमार को सौंप दी है।
जांच रिपोर्ट में इएमओ के इलाज में लापरवाही की बात सामने नहीं आयी है। जबकि अस्पताल प्रशासन पर सूझबूझ का परिचय नहीं देने की बात की गयी है। पूर्व सीएमएस की सर्विस बुक में बैड एंट्री के आदेश दिये गये हैं।