पालिका की अनदेखी से नारकीय हालात में बड़ी आबादी

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थाना चौराहा से अल्लीपुर चौपला आने जाने की मुख्य रेलवे फाटक के पास तथा बिजलीघर के सामने की सड़क नागरिकों को नारकीय जीवन प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रही है। यहां दोनों स्थानों पर घनी आबादी बस चुकी जहां सड़कों पर पैदल और वाहनों के जरिये आने जाने वालों की खासी भीड़ रहती है। इन सड़कों के किनारे दूसरे कारोबार की दुकानें लगभग नगण्य हैं जबकि मांस विक्रेताओं की बढ़ती भीड़ ने इसे मांस की मंडी का स्वरुप प्रदान कर दिया है। मुर्गों, बकरों तथा सूअरों के मांस का धड़ल्ले से चल रहा यह व्यापार सभी वर्गों के गणमान्यों और सफाई पंसद लोगों को नागवार महसूस होता है। पालिका परिषद के चेयरमेन और इ.ओ. से कई बार लोग इस व्यस्त मार्ग के बजाय किसी एकांत स्थान पर इस व्यवसाय को स्थानांतरित करने की मांग कर चुके। हाल ही में नामित सभासद हरीशचन्द्र ने भी इस सिलसिले में पालिका इ.ओ. को बताया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

उल्लेखनीय है कि इस सड़क के एक छोर पर मस्जिद, मंदिर और गुरुद्वारा है तथा दूसरे छोर पर एक मंदिर तथा डिग्री कालेज हैं। इससे यहां से सभी समुदायों के स्त्री-पुरुष तथा बच्चों का आवागमन रहता है। गंगा स्नान के लिए आने जाने वाले तथा कांवड़ वाले भी इधर से गुजरते हैं। ऐसे में यहां मांस का व्यापार होना शांति व्यवस्था के लिए भी खतरनाक हो सकता है। कई बार मृत पशु पक्षियों के बेकार अंग सड़कों के किनारे या नालियों में फेंके जाते हैं। जिनपर कुत्ते झपटते और खींचतान करते देखे जाते हैं। कव्वों के झुंड भी इधर-उधर उड़ते हुए गंदगी को मोहल्लों में घरों की छतों और आंगन में गिरा देते हैं। ऐसे में वैष्णव प्रवृति वाला आदमी परेशान हो उठता है।

एक दूसरे पर झपटते कुत्ते सड़क पर दुघर्टनाओं का कारण बनते हैं। पिछले दिनों तिगरी से गंगा स्नान कर लौट रहा एलआइयू का एक दरोगा कुत्तों के बाइक के आगे आने से दुघर्टना में मर गया। आयेदिन कई दुघर्टनायें होती हैं। यह अलग बात है कि हर दुघर्टना में मौत नहीं होती। घायलों की तादाद बढ़ती रहती है।

फाटक के पास ओवर ब्रिज के नीचे उत्तर और दक्षिण में घनी आबादी है। यहां ब्रिज के पास होकर गुजरने वालों को नाक पर रुमाल ढककर निकलना पड़ता है। बरसात के मौसम में रेलवे लाइन के समानांतर दूर तक खाई बन गयी है जहां गंदा पानी एकत्र है। उसमें काटे पशु-पक्षियों के पंजे, अंतड़ियां, पंख आदि बेकार अवशेष पड़े-पड़े सड़ रहे हैं। दोनों मोहल्लों में हवा के रुख के मुताबिक बदबू कम ज्यादा होती है। जिससे पूरा वातावरण प्रदूषित होता जा रहा है। बाजार वाले दिन तो सबसे बुरा हाल रहता है। लोग पालिका बोर्ड और मांस विक्रेताओं को कोसते रहते हैं।

इ.ओ. का कहना है कि कुछ दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही हैं। उन्हें इसकी शिकायत मिली है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। लेकिन गंदगी और लोगों की दिक्कतों को दूर करने के बारे में उन्होंने कुछ भी कहने या करने की बात नहीं कही।

स्वच्छता अभियान में भी बाधक हैं

नगर के संभ्रांत लोगों ने कहा है कि नगर को स्वच्छ बनाये रखने के लिए व्यस्त मार्गों पर खुलेआम हो रहे मांस व्यापार को यहां से किसी एकांत में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो इसके खिलाफ जनमत के साथ आंदोलन किया जायेगा।

स्वच्छता अभियान में जुटे संगठनों और नगर के प्रबुद्ध लोग चाहते हैं कि गंदगी फैलाने वाले समझाने से नहीं माने तो लामबंद होकर उनको गंदगी करने से रोका जायेगा। इस तरह के महानुभावों में सभासद सुरेन्द्र औलख, डा. श्याम सिंह, कृष्णा जू.हा. स्कूल के प्रबंधक रामकृष्ण चौहान, ज्ञान सिंह नेगी, भाजपा नेता अशोक कश्यप, सोनू कश्यप, सभासद हरीशचन्द, डा. बुद्धि सिंह, भीष्म आर्य एडवोकेट, वीर सिंह भगतजी, सूरजभान गोयल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य वीरेन्द्र सिंह आदि के नाम शामिल हैं।

-गजरौला न्यूज़.