जांचकर्ताओं पर भारी पड़े हैं चेयरमेन और इ.ओ.

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चेयरमेन और इ.ओ. के वित्तीय अधिाकार सीज़ करने की मांग की गयी है.

यहां चौहानपुरी में मौजूदा पालिका बोर्ड के कार्यकाल में ही एक मजबूत सड़क के ऊपर सभासद को अवैध धन कमाने के लिए बिना जरुरत इंटरलाकिंग बिछवा दी। वार्डवासी विरोध करते रहे लेकिन इ.ओ. और सभासद ने जर्बदस्ती सड़क पर सड़क बनवा दी। भुगतान भी करादिया। लोगों की शिकायत पर तत्कालीन डीएम ने जांच की। गड़बड़ी पकड़ में आयी तो उन्होंने सभासद से पैसा वसूल कर उसे बर्खास्त करने का आदेश दिया। न तो चेयरमेन और इ.ओ. ने सभासद से पैसा वसूला और न ही उसके खिलाफ कार्रवाई की। बल्कि कुछ समय बाद डीएम का ही तबादला हो गया। इसके बाद करोड़ों के ठेके उसी व्यक्ति को और भी दिये गये। उसकी फर्म से लाखों के उपकरण भी खरीदे गये।

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यह तो जिला स्तर से एक मामूली भ्रष्टाचार की जांच के हश्र का नमूना है। इ.ओ. पाशा के 14 साल के कार्यकाल और हरपाल सिंह के चार साल के कार्यकाल में अनेक शिकायतें मजबूत सबूतों के साथ की गयीं लेकिन जांचकर्ताओं ने किसी के भी खिलाफ कुछ नहीं किया। यही कारण है कि शिकायत करने वाले भी अब खामोश हैं। कुछ सभासद भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हुए हैं। देखते हैं वे कहां तक कामयाब होते हैं?

भ्रष्टाचार की शिकायत विधायक से भी :
पालिका सभासद अशोक कुमार उर्फ दिले सिंह का कहना है कि उन्होंने तालाब, शमशान, ट्यूब लाइट तथा सड़क निर्माण में चेयरमेन और इ.ओ. द्वारा किये करोड़ों के घोटाले की शिकायत विधायक एम. चन्द्रा से भी की है। उन्होंने मुरादाबाद मंडलायुक्त को शीघ्र जांच करने का पत्र लिखा है।

दिले सिंह के मुताबिक उन्होंने कमिश्नर से पालिकाध्यक्ष और इ.ओ. के वित्तीय अधिकार सीज करने की मांग भी की है। उन्होंने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार के मूल में चौदह वर्षों से यहां डटा इ.ओ. है। वे इ.ओ. के स्थानांतरण की मांग भी करेंगे। कामिल पाशा के रहते निष्पक्ष जांच हो पाना संभव नहीं।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.


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