नोट रद्द प्रकरण से भाजपा नेता खुश -किसान नेता नाराज़

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यदि यह आदेश वापस नहीं हुआ और जल्दी ही बैंकों में नकद राशि का प्रवाह नहीं बढ़ाया गया तो किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन को बाध्य होंगे. उन्होंने किसानों की खराब आर्थिक हालत के कारण कर्ज माफी की भी सरकार से मांग की.

कालाधन निकालने के बहाने पुराने नोट बंद करने की नीति को जहां भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री का साहसिक और कालेधन के खिलाफ मजबूत कदम बताया है, वहीं किसान नेताओं ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए गरीबों और किसानों के खिलाफ बताया है। साथ ही लोगों से धैर्य के साथ इसके सुखद परिणामों के लिए धैर्य रखने का आग्रह किया है।

भाजपा नेता अशोक कश्यप ने कहा है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक नीतियों का यह आम हिस्सा है। लोगों को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। नोटों की कालाबाजारी तथा चुनावों में कालेधन को रोकने में यह नीति बेहद कारगर सिद्ध होगी। थोड़ी दिक्कत सहन करते हुए हमें सुखद परिणामों का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने सभी से संयम और धैर्य बनाये रखने की अपील की है।

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राकिमसं नेता स. जगजीत सिंह का कहना है कि केन्द्र सरकार की नयी आर्थिक नीति के इस फैसले से जनता, विशेषकर किसानों को काफी परेशानी है। इसलिए सरकार को जल्दी से जल्दी बैंकों में मुद्रा भेजकर लोगों की दिक्कतों को दूर करना चाहिए। अधिक देर होने से एक अच्छा कदम भी बुरे परिणाम दे सकता है। उन्होंने सहकारी बैंकों में भी पुराने नोट बदलने की प्रक्रिया जारी रखने की मांग की।

भाकियू नेता चौ. विजयपाल सिंह, डूंगर सिंह तथा जमील अहमद ने सहकारी बैंकों में पुराने नोट बदलने के प्रबंध पर आरबीआई गर्वनर द्वारा रोक लगाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह दोहरा नियम, गैरकानूनी है इसे वापस लिया जाना चाहिए। इससे यह सिद्ध हो रहा है कि सरकार किसानों के साथ भेदभाव बरत रही है। यदि यह आदेश वापस नहीं हुआ और जल्दी ही बैंकों में नकद राशि का प्रवाह नहीं बढ़ाया गया तो किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन को बाध्य होंगे। उन्होंने किसानों की खराब आर्थिक हालत के कारण कर्ज माफी की भी सरकार से मांग की। साथ ही कहा कि नहीं तो किसान उसके उम्मीदवारों को वोट नहीं देंगे।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.


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