तिगरी मेले के टोल टैक्स पर विवाद खड़ा हो गया है। मेला मजिस्ट्रेट तथा धनौरा के एसडीएम नईम अहमद का कहना है कि मेला टोल फ्री नहीं होगा। मेले का प्रबंध कर रही जिला पंचायत अपनी 24 अक्टूबर की बैठक में मेला टोल फ्री कराने का प्रस्ताव पास कर मेला टोल फ्री कराने का प्रचार भी कर चुकी। टोल का ठेका देने का कोई टेंडर अािद भी नहीं जारी किया गया। जिला पंचायत बैरियर नहीं लगायेगा तो फिर क्या मेला मजिस्ट्रेट उसका प्रबंध करेंगे? इससे दोनों पक्षों में टकराव बढ़ने के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि 24 अक्टूबर को जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू चौधरी की अध्यक्षता में अमरोहा में जिला पंचायत की बैठक में सर्वसम्मति से मेला टोल फ्री कराने का प्रस्ताव पारित किया गया था। बैठक में सीडीओ सहित संबंधित अधिकारी और जिला पंचायत सदस्य भी मौजूद थे। प्रस्ताव को नियमानुसार कमिश्नर के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था। प्रस्ताव को शासन से मंजूरी का पूरा भरोसा है।
अब, जबकि मेला शुरु होने वाला है। दुकानदार पहुंच रहे हैं तथा श्रद्धालु भी तैयारी में जुटे हैं। प्रशासन ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। तब अचानक टोल मुक्ति रद्द करने के शासनादेश ने सभी को चौंका दिया है। इससे जिला पंचायत और प्रशासन में सीधे टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। श्रद्धालुओं की भीड़ इस मसले पर जिला पंचायत के साथ आयी तो क्या होगा? उसे आसानी से नहीं रोका जा सकता और बल प्रयोग हालात खराब कर सकता है। जिला पंचायत, प्रशासन तथा स्नानार्थी सभी टोल संबंधी शासनादेश को लेकर हैरत में हैं।
उधर जिला पंचायत के प्रस्ताव पारित होने के बाद से जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू चौधरी और उनके श्वसुर पूर्व मंत्री चन्द्रपाल सिंह लोगों के बीच पहुंच-पहुंच कर स्वागत समारोहों में वाहवाही लूटने में लगे हैं। शासनादेश ने उनके सामने मुसीबत खड़ी कर दी है।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.
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