इस सीट पर बसपा द्वारा जाट उम्मीदवार जयदेव सिंह को उतारा जाने पर उन्हें मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा था। उनके साथ जाट, दलित एकजुट हो रहे थे तथा मुस्लिम मतों के एक बड़े भाग पर भी उनकी पकड़ होने से वे सबसे भारी उम्मीदवार माने जा रहे थे।
राकिमसं द्वारा स. जगजीत सिंह का नाम घोषित हो चुका है। रालोद शूरवीर सिंह को मैदान में लाना चाहता है। इस तरह तीन जाट उम्मीदवारों के मैदान में आने से जाट मतों के विभाजन का खतरा उत्पन्न हो गया है। भाजपा ने अभी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया लेकिन पूर्व सांसद देवेन्द्र नागपाल जिस तरह से यहां प्रचार में संलग्न हैं उससे माना जा सकता है कि उन्हें भाजपा हाइकमान से ठोस आश्वासन मिल गया है। यदि ऐसा हुआ तो जाट बिरादरी का एक भाग उनकी ओर भी जायेगा, जबकि नागपाल का यहां तक कहना है कि जाट समुदाय के अधिकांश मत उनके साथ है। एक ओर पूर्व मंत्री चौ. चन्द्रपाल सिंह जाटों से सपा को समर्थन का प्रयास कर रहे हैं।
जाट आरक्षण की मांग करने वाले चौ. यशपाल मलिक यहां पंचायत कर जाटों से भाजपा को हराने की अपील कर चुके। उनका कहना है जो उम्मीदवार भाजपा का प्रतिद्वंदी जान पड़े उसका समर्थन किया जायेगा। इससे जाटों में गंभीर मंथन शुरु हो गया है।
कुछ जाट भाजपा और सपा दोनों को ही अपने खिलाफ मान रहे हैं। जाट असमंजस में हैं तथा वे उचित समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह उम्मीदवारों पर निर्भर करेगा कि इस बिरादरी का समर्थन पाने में कौन, कितना सफल होता है? यहां जाट निर्णायक भूमिका में माने जा रहे हैं।
-टाइम्स न्यूज़ नौगांवा सादात.
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