चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में भाजपा ने बाजी मार ली है। भाजपा ने 26 में से 20 सीटें अपने नाम कर ली हैं। शिरोमणि अकाली दल को भी एक सीट मिली है। जबकि कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। उसे केवल 4 सीटें मिली हैं। यहां रविवार को मतदान हुआ था।
चंडीगढ़ स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम को अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि भाजपा की नोटबंदी का असर लोगों पर नहीं हुआ। उल्टे कांग्रेस को झटका लगा है। उसने पिछले चुनाव में 11 सीटों पर कब्जा किया था। भाजपा-अकाली गठबंधन के पास 12 सीटें थीं।
इस बार कांग्रेस की स्थिति पहले से भी बदतर हो गयी। हालांकि कांग्रेस समर्थक कह रहे हैं कि भाजपा का वोट शहरी क्षेत्रों में है और नगर निगमों में उनका कब्जा पहले से रहता आया है।
माना जा रहा है कि यह चुनाव पंजाब विधानसभा के लिए कुछ अच्छा लेकर आया है। लेकिन वहीं जमीनी हकीकत यह भी है कि पंजाब में अकाली दल और भाजपा की जमीन बेहद कमजोर हो चुकी है। उन्हें कांग्रेस के उभार और आम आदमी पार्टी के जोर से कड़ी टक्कर मिल रही है।
भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि नोटबंदी को लोगों का समर्थन मिल रहा है। उससे मायूस हो चुकी भाजपा में थोड़ी शिकन कम होती नजर आ रही है।
-गजरौला टाइम्स स्टाफ.
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