बैंकों से नाता तोड़ने लगे लोग, नोटबंदी ने भरोसा तोड़ा

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अधिकांश लोग खाता चालू रखने तक की रकम बैंक में छोड़ रहे हैं.


नोटबंदी की लंबी अवधि की मार से लोग इतने व्यथित हैं कि वे अब किसी भी कीमत पर बैंकों पर भरोसा नहीं करेंगे। वे जरुरत में काम आने के लिए पेट काट कर कुछ पैसा जमा कर लेते थे।

आजादी के सत्तर वर्षों में उन्हें पहली बार सरकार ने ऐसा झटका दिया कि बुरे समय पर उनकी कमायी रकम जिसे उन्होंने पैसा करके जोड़ा था, काम नहीं आ सकी।

नोटबंदी पर पढ़ें खास रिपोर्ट्स :

बार-बार पैसा जमा करायेंगे तो सवाल उठेगा ही

अब बैंक नहीं पूछेगा कि यह रकम कहां से आयी

नोटबंदी के रोज नये नियमों से लोग भ्रम की स्थिति में हैं  

बहुत से लोग अपना पैसा होने के बावजूद उसे नहीं पा सके और उनके कई अपने काल के मुंह में समा गये। ये लोग कहते सुने जा रहे हैं कि घर के किसी कोने में दबाकर यह धन रख लेते तो काम आ जाता। ऐसे लोगों ने कसम खा ली है कि वे दोबारा बैंक तक नहीं जायेंगे।

अधिकांश लोग खाता चालू रखने तक की रकम बैंक में छोड़ रहे हैं और सरकार के लाख प्रलोभन पर भी बैंक का मुंह तक देखना नहीं चाहते।

यदि सरकार डिजिटल करेंसी का दबाव बनाना चाहती है तो ऐसे लोग इस योजना को लाने वालों को वोट ही नहीं देंगे।

जिनके घर इस जिद्दपन ने बरबाद कर दिये भला वे उन्हें आबाद क्यों देखना चाहेंगे?

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.


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