इस सिलसिले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाइकोर्ट संघर्ष समिति के तत्वाधान में आयोजित बैठक में बेंच स्थापना हेतु आंदोलन की रणनीति बनाई गयी।
सर्वसम्मत फैसले में 21 दिसंबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के समस्त जिला और तहसील मुख्यालयों पर वकील न्यायिक कार्य नहीं करेंगे। अपनी मांग के लिए धरना और प्रदर्शन कर राष्ट्रपति, राज्यपाल और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे।
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एक माह बाद 21 जनवरी को भी इसी सिलसिले शामली जिले में अधिवक्ता प्रतिनिधियों की एक बैठक होगी। उस बैठक में आंदोलन को विस्तृत और प्रभावी बनाने पर मंथन होगा। सभी अधिवक्ताओं को एकजुट करने के प्रयास के बाद प्रधानमंत्री को एसएमएस भेजने का सिलसिला शुरु किया जायेगा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजेन्द्र पाल सिंह तथा महामंत्री अजयकुमार सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं से गरीबों को सस्ता और सुलभ न्याय दिलाने की इस मांग के लिए एकजुट होकर संघर्ष छेड़ने का आग्रह किया।
-टाइम्स न्यूज़ बागपत.
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