नोटबंदी के दुष्परिणामों का आकलन किये बिना उठाये कदम से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था चरमरायी है, दूसरी ओर केन्द्र की मोदी सरकार कैशलैस व्यवस्था पर जोर देने लगी है।
देश कैशलैस व्यवस्था के लिए अभी तैयार नहीं है जबकि कैशलैस व्यवस्था के लिए बहुत कुछ करना जरुरी है। यह व्यवस्था इस समय लागू करनी इतनी खतरनाक है कि इससे देश की ऑनलाइन बैंकिंग प्रणाली घुटने टेक देगी।
साइबर सुरक्षा में सेंधमारी करने वाले लीजन ग्रुप ने बैंकों के गुप्त सूचनाओं के आदान-प्रदान करने वाली इंक्रिप्शन-की हासिल करने का दावा किया है।
साइबर सुरक्षा के लिए खतरा बने लीजन नामक ग्रुप की पहुंच दुनिया के तमाम देशों तक हैं। ग्रुप ने अबतक अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, यूएइ समेत भारत जैसे देशों के हजारों गुप्त डाटा हैक कर लिये हैं। 2014 में इस ग्रुप ने 26586 डाटा हैक किये थे।
हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट हैक कर उस पर अभद्र और उल्टे-सीधे ट्वीट किये गये थे।
लीजन ग्रुप ने दावा किया है कि उसने भारत की बैंकों के गुप्त सूचनाओं के आदान-प्रदान करने में इस्तेमाल होने वाली इंक्रिप्शन-की हासिल कर ली है, जिसके जरिये वह भारतीय बैंकिंग प्रणाली को ध्वस्त करने में सक्षम है।
लीजन साइबर हैकर ग्रुप के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है तथा उसने जो दावा किया है उसे भी नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन जैसी मजबूत तथा सुरक्षित ऑनलाइन प्रणाली को भेदने की क्षमता रखने वाले लीजन ग्रुप राम भरोसे चलने वाली भारतीय ऑनलाइन प्रणाली को आसानी से भेद सकता है।
ऐसे में यदि प्रधानमंत्री और उनके साथी ऑनलाइन भुगतान पर देश को आश्रित करने का प्रयास कर रहे हैं तो यह मानने में कोई गलत नहीं होगा कि इन लोगों ने देश को बरबाद करने की ठान ली है।
नोटबंदी की मार से उबरने का रास्ता सूझ नहीं रहा और हमारे प्रधानमंत्री और उनके हमदर्द एक ऐसी बला देश के सिर बांधने की कोशिश में हैं जिससे पार पाना किसी के बस की बात नहीं।
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद लीजन के खतरों की खबर से बचाव के प्रयास में जुटे बताये जाते हैं।
-टाइम्स न्यूज़.
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