कैबिनेट मंत्री के होर्डिंग्स पर कालिख पोतने की घटना से यहां तरह-तरह की चर्चायें शुरु हो गयी हैं। कई लोग इसे तुर्क बिरादरी और महबूब अली के बीच चली आ रही तनातनी से जोड़कर देख रहे हैं। वो अलग बात है कि किसी ने अभी तक इस कृत्य की जिम्मेदारी नहीं ली है।
यह भी चर्चा है कि तुर्क बिरादरी को बदनाम करने के लिए शरारती तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया है। चर्चायें तरह-तरह की हो रही हैं। सियासी गलियारों में भी महबूब अली और उनके पुत्र परवेज अली के पोस्टरों पर कालिख पोतने की खबर चर्चा में है।
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पिछले दिनों हुई हिट्रीशीटर शौकत पाशा की हत्या के बाद कैबिनेट मंत्री पर उसके परिजनों और तुर्क बिरादरी के लोगों ने संगीन आरोप लगाये थे। कहा गया था कि महबूब अली पाशा की हत्या के जिम्मेदार हैं। शौकत पाशा हत्याकांड पर अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस की जांच जारी है। बताया जाता है कि परिजन और बिरादरी के लोग अभी शांत नहीं बैठे हैं। वे महबूब अली के खिलाफ उग्र हैं और यह मसला दबना इतना आसान नहीं लगता।
इस दौरान महबूब अली के होर्डिंग्स पर कालिख पोतने से मामला और गरमा गया है। पुलिस भी ऐसा प्रतीत हो रहा जैसे जांच को थोड़ा सुस्ती में ले रही है।
तुर्क बिरादरी का आरोप है कि पुलिस सत्ता के दबाव में काम कर रही है। मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश की जा रही है। तुर्कों का साफ कहना है कि वे ऐसा नहीं होने देंगे।
उधर महबूब अली ने कई बार कहा है कि हत्याकांड में जो लिप्त पाया जाये उसपर कार्यवाही हो। साथ ही उन्होंने कहा कि तुर्क बिरादरी उनके साथ है।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.
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