अपने दम पर किसान मजदूर भाईचारा सम्मेलन में भारी भीड़ जुटाकर डा. सोरन सिंह ने सभी नेताओं को यह संदेश दे दिया कि क्षेत्र की जनता उनके साथ है। नेहरु स्मारक इंटर कालेज में इस वर्ष कई सभायें और आयोजन हुए लेकिन इतनी बड़ी संख्या में भीड़ किसी भी आयोजन में नहीं जुट पायी।
उल्लेखनीय है कि डा. सोरन सिंह बसपा के लिए काम कर रहे हैं। उनका इरादा नौगांवा सीट से चुनाव लड़ने का था। वे अपना इरादा बसपा नेताओं को स्पष्ट भी कर चुके थे। परंतु लगता है उनकी आवाज ठीक तरह से मायावती तक नहीं पहुंच पायी। जैसाकि उन्होंने सम्मेलन में कहा भी कि उनकी आवाज बहनजी तक नहीं पहुंचने दी जा रही जबकि उनके साथ जनसमर्थन है।
पिछले दिनों जिले की चारों सीटों के साथ ही नौगांवा से भी उम्मीदवार मैदान में उतार दिया गया। बात नहीं बनने के कारण ही डा. सोरन सिंह ने शक्ति प्रदर्शन के लिए सम्मेलन का मार्ग चुना। उनके आहवान पर उन्हें सुनने को उमड़ी भारी भीड़ से जहां सोरन सिंह गदगद हैं, वहीं उनके विरोधी और बसपा नेता असमंजस में हैं।
डा. सोरन सिंह ने जनसमूह के सामने मंच से जब कहा कि कोई टिकट दे या न दे जनता ने उन्हें टिकट दे दिया है, तो इसका मतलब स्पष्ट हो जाता है कि अब बसपा से टिकट मिले या न मिले डा. सोरन सिंह चुनाव जरुर लड़ेंगे। उन्होंने यह कहा भी है कि बसपा उम्मीदवार न भी बनाये उनपर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, जनता ने उनके एक इशारे पर उनके साथ खड़ा होकर उनके चुनाव लड़ने को हरी झंडी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि महीनों भागदौड़ कर भाजपा, बसपा, सपा और रालोद के क्षेत्रीय दिग्गज अपने दलों के बड़े नेताओं के आगमन पर भी इतनी भीड़ नहीं जुटा पाये जितनी भीड़ डा. सोरन सिंह अकेले ही अपने दम पर इकट्ठा करने में सफल रहे। अब यह फाइनल हो चुका है कि डा. सोरन सिंह नौगांवा से चुनाव जरुर लड़ेंगे, यह समय बतायेगा कि उनके डंडे में कौनसा झंडा होगा?
-टाइम्स न्यूज़ रजबपुर.
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