नोटबंदी ने देश के कारोबारी विश्वास को गहरी चोट पहुंचायी है। इससे देश पिछले 11 साल के इतिहास में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। यह आकलन हमारा नहीं बल्कि पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई)का सर्वेक्षण यह बता रहा है।
इस सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि नोटबंदी की देन, इस कारोबारी सुस्ती का दौर अभी थमने वाला नहीं।
ये आंकड़े दिसंबर तक के हैं। यह सर्वेक्षण बिल्कुल सटीक है।
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इसके आधार पर माना जा सकता है कि देश में नोटबंदी ने व्यापक नकारात्मक असर छोड़ा है। जिसके गंभीर परिणाम आगे और भी नकारात्मक हालात पैदा करेंगे। जिसका प्रभाव देश की कृषि, व्यापार, रोजगार और कानून व्यवस्था पर भी नकारात्मक रुप से देखने को मिलेगा।
आने वाले तीन माह देश की जीडीपी और अर्थव्यवस्था को एक दशक से भी पीछे ले जा सकते हैं।
बैंकों की भुगतान व्यवस्था जनवरी के पहले सप्ताह में भी नहीं सुधरी।
-टाइम्स न्यूज़ स्टाफ़.
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