यहां से बसपा ने बहुत मजबूत उम्मीदवार डा. संजीव लाल को मैदान में उतारा है। सपा के विवाद के कारण दो समानांतर उम्मीदवार आपस में टकराकर कमजोर पड़ने के लिए तैयार हैं।
जबकि भाजपा अभी मौन है लेकिन कार्यकर्ता चाहते हैं कि जल्दी से उनका उम्मीदवार मैदान में आये। इसके लिए कार्यकर्ताओं की पहली पसंद जिला पंचायत सदस्य राजीव तरारा हैं।
क्षेत्र के भाजपा तथा संघ के नेताओं से पूछा जाता है तो वे बेझिझक राजीव तरारा का नाम लेते हैं। एक-दो नेता ही ऐसे हैं जो उनके नाम पर खामोश हैं।
दो वर्षों से पार्टी के लिए जितना संपर्क और प्रचार राजीव तरारा ने किया है उतना धनौरा विधानसभा क्षेत्र में किसी ने नहीं किया। वे जिला महामंत्री के दायित्व के नाते पूरे जिले में भाजपा से संबद्ध कार्यक्रमों में पूरी तन्मयता से लगे रहते हैं तथा रात-दिन और गर्मी या सर्दी की परवाह किये बिना पार्टी के काम में संलग्न रहते हैं।
उनके संघर्ष, शालीनता, व्यावहारिकता और लोगों को अपने साथ जोड़ने की कला ने भाजपा को केवल धनौरा में ही नहीं बल्कि पूरे जनपद में बहुत ही मजबूती प्रदान की है।
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गजरौला पालिकाध्यक्ष हरपाल सिंह भी एक बार फिर से यहां भाजपा उम्मीदवार की कोशिश में हैं। वे पिछली बार चौथे स्थान पर थे। उनके पालिकाध्यक्ष कार्यालय के कई मामले आयेदिन विवादों में हैं तथा वे लोग भी उनके विरोध में हैं जो पिछले चुनाव में उनके साथ थे।
इससे ऐसा लगता है, यदि वे मैदान में आये तो इस बार चौथे स्थान से भी नीचे खिसककर पांचवें या छठे स्थान पर रह जायेंगे।
ऐसे में भाजपा को बहुत सोच-विचार कर फैसला लेना होगा।
-टाइम्स न्यूज़ मंडी धनौरा.
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