नौगांवा सादात विधान सभा क्षेत्र के स्वयंभू नेता डा. सोरन सिंह द्वारा 25 दिसंबर को किसान-मजदूर रैली के नाम पर जुटाई भीड़ का रहस्य सामने आया है। कार्यक्रम में मौजूद कुछ रालोद नेताओं ने इसका खुलासा करते हुए कहा है कि भीड़ जुटाने में उनका पूरा लाभ लिया गया तथा उन्हें रैली के मूल उद्देश्य से भ्रमित किया गया।
रालोद नेताओं के मुताबिक उनसे डा. सोरन सिंह ने इस रैली को अराजनैतिक तथा केवल किसान मजदूरों की ताकत का प्रदर्शन करने का प्रयास बताया था और रालोद को इससे लाभ होने की बात भी कही थी। इसी को आधार मानकर उन्होंने रैली में भीड़ जुटाने के लिए किसानों को तैयार किया था।
नौगांवा सादात से रालोद के पश्चिम उत्तर प्रदेश सचिव चौ. शूरवीर सिंह का कहना है कि उनसे सोरन सिंह ने झूठ बोला, जिसका पता उन्हें तब चला जब मंच पर बसपा नेताओं को बैठे देखा। उनका कहना है कि यदि उन्हें पता होता कि यह बसपा का कार्यक्रम है तो वे इसमें भाग ही क्यों लेते?
यह भी पता चला है कि बसपा से टिकट लेने में विफल सोरन सिंह रालोद प्रमुख चौ. अजीत सिंह के पास भी गये थे तथा अब केन्द्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान के पास भाजपा की उम्मीदवारी की कोशिश में है। दरअसल डा. सोरन सिंह दूसरों के सहारे जुटाई भीड़ को अपनी बताकर कहीं न कहीं से टिकट की जुगत में हैं। जबकि कोई भी पार्टी उन्हें टिकट नहीं देना चाहती।
इसी के साथ डा. सोरन सिंह ने भरी भीड़ के सामने घोषणा की है कि उन्हें कोई पार्टी टिकट दे या न दे, जनता ने उन्हें टिकट दे दिया है, वे तो चुनाव लड़ेंगे। क्या वे निर्दल उम्मीदवार होंगे या किसी छोटी पार्टी से प्रत्याशी होना चाहेंगे?
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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