शीर्ष अकाली नेता सुरजीत सिंह बरनाला का 91 वर्ष की आयु में देहान्त हो गया। वे चंडीगढ़ के पीजीआएमआर अस्पताल में भर्ती थे।
बरनाला 1985 से 1987 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। उससे पूर्व 1977 में केन्द्र में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी जनता पार्टी सरकार में वे कृषि मंत्री रहे। वे गोवा, तमिलनाडु, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और आंधप्रदेश के राज्यपाल भी रहे।
बरनाला कांग्रेस तथा विपक्षी दलों में सर्वमान्य रहे। इसी कारण केन्द्र में चाहें कांग्रेस सत्ता में रही या उसकी विरोधी सरकार, सुरजीत सिंह राज्यपाल बनाये जाते रहे।
बाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्र में सत्तारुढ़ राजग सरकार ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था। उनका व्यवहार बहुत ही मृदु और सरल था।
1942 के भारत छोड़ों आंदोलन में बरनाला की सक्रिय भूमिका के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। आजाद भारत में वे किसानों के लिए संघर्ष करने वाले नेता की भूमिका में रहे।
जवाहरलाल नेहरु तथा इंदिरा गांधी की कांग्रेस से उनका हमेशा राजनैतिक विरोध रहा। अकाली आंदोलन में उनकी भूमिका अहम रही।
-टाइम्स न्यूज नई दिल्ली.
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