हरियाणा में जारी जाट आंदोलन को 40 दिन हो गये हैं। जाट समुदाय के लोग अभी भी धरनास्थल पर डटे हुए हैं। उनके धरने शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे हैं। इन धरनों में महिलाओं की तादाद पहले से बढ़ गयी है। वे अपने घर के काम पूरे कर धरने में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। जींद में ईक्कस गांव में महिलाओं ने एक सुर में कहा है कि वे अपने हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगी। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति 12 मार्च को काली होली मनायेगी। इस दौरान हर जगह भाजपा के मंत्रियों और नेताओं के पुतले फूंकें जायेंगे।
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हरियाणा में जाट आन्दोलन में महिलाओं की भागीदारी मायने रखती है. महिलाएं शुरू से आन्दोलन को लेकर मुखर रही हैं. |
धरने के दौरान समिति की महिला विंग की जिला प्रधान सुनीता मान ने कहा कि महिलाओं में जागरुकता आ रही है। वे अब हर कदम पर आगे बढ़ रही हैं। सरकार जाटों की अनदेखी कर रही है। हम पीछे नहीं हटने वाले और अपना हक लेकर रहेंगे। इसके लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। इस बार हम होली नहीं, काली होली मनायेंगे और भाजपा नेताओं और मंत्रियों के पुतले दहन करेंगे।
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अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मालिक. |
पाकिस्तान में भी भारी संख्या में जाट समुदाय के लोग रहते हैं। बंटवारे के समय जाटों ने बहु-बेटियों के सम्मान की रक्षा की थी। उसके लिए उन्हें अपनी जान की बाजी तक लगानी पड़ी थी, मगर वे पीछे नहीं हटे। उन्होंने जाति और धर्म के बजाय इंसानियत के नाते लोगों को बचाया था।
-टाइम्स न्यूज़ हरियाणा.
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