यहां कौशाम्बी पेपर मिल में एक नौजवान एक बार फिर उद्योगों की असुरक्षित कार्यप्रणाली की भेंट चढ़ गया। 21 वर्षीय यह नौजवान पेपर मिल में काम करते समय ऊपर से गिरकर मशीनों के बीच आने से मौत का शिकार हो गया। मिल के सुरक्षा कर्मियों की नादानी तथा मिल मालिकों द्वारा मजदूरों की सुरक्षा के लिए किये नाकाफी प्रबंधों के कारण मजदूर की जान चली गयी। जब तक उसे सीएचसी ले जाया गया वह मर चुका था। मजदूरों तथा मृतक के परिजनों के मिल पर धरना व प्रदर्शन के बाद मिल की ओर से चार लाख मुआवजे की घोषणा पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया। पुलिस और कई कथित समाजसेवियों की मध्यस्थता से मामला शांत करा दिया गया।
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अनुज चौहान गजरौला स्थित कौशाम्बी पेपर मिल में ऑपरेटर के पद पर तैनात था. |
थाना नौगांवा सादात के गांव बीलना का निवासी अनुज चौहान कुछ माह पूर्व यहां काम कर रहे अपने मामा ब्रजेश चौहान के कहने पर काम पर लगा था। काम करते समय अनुज अचानक नीचे गिर पड़ा। जहां मशीनों में फंसने से उसकी चीख निकल गयी। शोर सुनकर आननफानन में मजदूर एकत्र हो गये। सेफ्टी विभाग तथा मौजूद लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद आधे घंटे में किसी तरह उसे लहूलुहान और बेहोशी की हालत में बाहर निकाला। उद्योगों द्वारा करीब में नवनिर्मित ट्रामा सेंटर का भी कोई लाभ नहीं मिला तथा सीएचसी में जबतक उसे लाया गया उसकी सांसें थम चुकी थीं।
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मजदूरों ने सूचना देकर उसके परिजनों को भी बुला लिया था और शव मिल गेट के सामने रखकर दस लाख के मुआवजे की मांग शुरु कर दी थी। पुलिस और कुछ कथित समाजसेवी भी बीच में आ गये जिन्होंने जमकर मिल मालिकों का पक्ष लिया था। किसी तरह मजदूर के परिजनों को चार लाख पर तैयार कर लिया। इसी के साथ यह मामला भी पीछे हुई इस तरह की मौतों की तरह गुमनामी की गोद में चला गया।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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