उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भले ही बीजेपी मंथन कर रही हो, लेकिन उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। चुनाव के नतीजे आने के छह दिन बाद बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री का चुनाव हुआ है। रावत 18 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। यह फैसला देहरादून में एक बैठक के दौरान लिया गया।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उम्र 56 वर्ष है और वे धोईवाला विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं। रावत इस सीट से पहली बार 2002 में चुनाव जीते थे। तब से वे लगातार तीन बार विजयी हुए हैं। 2007 से 2012 तक वे कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। वे झारखंड भाजपा के इंचार्ज हैं। 1983 से 2002 तक वे संघ से जुड़े रहे। उन्हें उत्तराखंड का सचिव बनाया गया तथा बाद में राज्य की जिम्मेदारी संभालने को दी गयी। त्रिवेन्द्र सिंह रावत को अमित शाह का करीबी माना जाता है। वे 2014 लोकसभा चुनाव में अमित शाह के साथ काम कर चुके हैं।
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बीज घोटाले की जांच कांग्रेस सरकार द्वारा ही करायी जिसमें त्रिवेन्द्र रावत दोषमुक्त हो गये थे. |
रावत का कृषि मंत्री रहते हुए बीज घोटाले में नाम आया था। जांच में उन्हें दोषी नहीं पाया गया मगर कांग्रेस उन्हें घोटाले के लिए जिम्मेदारी ठहराती थी। मजेदार बात यह रही कि मामले की जांच कांग्रेस सरकार द्वारा ही करायी जिसमें रावत दोषमुक्त हो गये थे।
त्रिवेन्द्र रावत इतिहास में मास्टर्स किये हुए हैं। उनके पास पत्रकारिता में डिप्लोमा भी है। उनके पास एक करोड़ से अधिक की संपत्ति है जिसे उन्होंने हलफनामे में बताया है।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री की दौड़ में प्रकाश पंत और सतपाल महाराज का नाम भी था, लेकिन रावत ने बाजी मार ली। उत्तराखंड में कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई है। भाजपा के 57 विधायकों के समर्थन से रावत राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
-टाइम्स न्यूज़.
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