चारे पानी के अभाव में दम तोड़ रही गायें

गंगा गणपति गौशाला में गायों की दुर्दशा के खिलाफ हिन्दू संगठनों का प्रदर्शन.
चारे पानी के अभाव में दम तोड़ रही गायें

पर्याप्त चारा, पानी और उचित देखभाल न होने से यहां की श्री गंगा गणपति गौशाला की गायों की हालत बद से बदतर है। इससे आयेदिन गायें तड़प-तड़प कर दम तोड़ रही हैं। चोरी का बहाना कर गायें पशु तस्करों को बेचे जाने की खबरें भी हैं। आज एक और गाय ने भूख-प्यास के कारण दम तोड़ दिया। जिसका पता लगते ही कई हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गौशाला प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की। मृत गाय को तहसीलदार अजय शर्मा और पशु चिकित्सक की देखरेख में दफना दिया गया। इससे लोगों में रोष व्याप्त है तथा मुख्यमंत्री से गौशाला के मौजूदा प्रबंधन को भंग कर गौशाला सरकारी संरक्षण में लेने की मांग की है।

गंगा गणपति गौशाला में गायों की दुर्दशा

जानकारी के मुताबिक एक गाय मर गयी थी जिसे बिना कानूनी औपचारिकता के ही गड्ढा खोदकर दफना दिया गया था। इसका पता लगते ही मौके पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह, भाजपा के नगर अध्यक्ष योगेश वर्मा तथा नमामि गंगे संगठन के जिला संयोजक अशोक शर्मा मौके पर पहुंच गये। इनके साथ अनेक कार्यकर्ता भी थे। इन लोगों ने कहा कि गौशाला में गायों को भरपेट चारा तथा समय पर पानी नहीं मिलता। दुबली गायों की दशा से ही उनकी हालत का पता चल रहा है। हिन्दू नेताओं ने चोरी के बहाने पशु तस्करों को गायें बेचने का भी आरोप लगाया। इस दौरान लोगों ने गौशाला प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और प्रबंधक ब्रजकिशोर बंसल को जमकर खरी-खोटी सुनाई।

गंगा गणपति गौशाला

तस्करों को बेचकर, चोरी का बहाना गढा जाता है
गंगा गणपति गौशाला से आयेदिन चोरी हो रही गायों और भूख प्यास से मर रही गायों के मसले पर लोग गौशाला प्रबंधन के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत करेंगे। तारा केवट, कुलदीप गोयल, शिवकुमार गौतम, पवन सरपंच, योगेन्द्र पहलवान, सचिन शर्मा, मुनेश वर्मा आदि ने बताया कि गौशाला में पुलिस द्वारा पकड़ी गायें भेजी जाती हैं। जिनका कोई ठोस विवरण गौशाला में नहीं होता। गायों को चारी गयी बताकर कसाइयों को बेचा जाता रहा है। यही कारण, यहां गायों की संख्या बारहों महीने लगभग एक जैसी ही रहती है। भरपेट चारा और उचित देखभाल भी नहीं होती, कई गायें ऐसे में तड़प-तड़प कर दम तोड़ देती हैं। गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालु स्वेच्छा से गौशाला को दान करते हैं। सरकार से भी फंड मिलता है लेकिन प्रबंधक सारा धन हड़प जाते हैं। यही कारण है सभी गायें कृश्काय और बीमार जैसी हैं।

गौशाला संचालकों से संचालन छीन

लोगों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मौजूदा गौशाला संचालकों से संचालन छीनकर सरकार के नियंत्रण में प्रबंधन दिया जाये।

-ब्रजघाट से नरेश शर्मा.


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