नगर पालिका चुनाव : कई मुस्लिम चेहरे बसपा के टिकट की कोशिश में

पहले ही डा. हनीफ और जाफर मलिक अपने को बसपा उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं.

अल्पसंख्यक समुदाय के कई सपा नेता और कार्यकर्ता, जो यहां से पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते हैं वे बसपा में जाने के रास्ते खोज रहे हैं। विधानसभा चुनाव में यादव मतों के विभाजन तथा दलित मतों के बसपा से चिपके रहने को वह गंभीरता से ले रहे हैं।

नगर पालिका चुनाव
डा. हनीफ और जाफर मलिक.
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उल्लेखनीय है कि यहां दलित, मुस्लिम और जाट तीन सबसे बड़े समुदाय हैं। मुस्लिम समुदाय के कई नेता मानते हैं कि सपा के साथ यहां का कोई भी बहुसंख्यक समुदाय जाने को तैयार नहीं हैं। जबकि दलित बसपा से जुड़ा हुआ है। यदि सपा के बजाय मुस्लिम समुदाय का कोई नेता बसपा से उम्मीदवार होने में सफल हो जाता है तो वह भाजपा उम्मीदवार के सामने बहुत मजबूत सिद्ध होगा। दलित-मुस्लिम गठजोड़ यहां सबसे मजबूत समीकरण है। ये दोनों सबसे बड़े वोट बैंक हैं।

पहले ही डा. हनीफ और जाफर मलिक अपने को बसपा उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं। इस समीकरण को मजबूत मानकर सपा के कई मुस्लिम चेहरे इस जुगाड़ में लग गये हैं कि उन्हें बसपा से उम्मीदवार बनाया जाये।

वैसे पूर्व चेयरमेन रोहताश शर्मा, कैलाश चन्द, निरंजन सिंह, तथा देवेन्द्रपाल सिंह भी यहां से बसपा टिकट की दावेदारी जता रहे हैं।

यह सब आरक्षण वर्गीकरण के बाद पता चलेगा कि कौन-कौन मैदान में आयेंगे लेकिन यह अभी मालूम हो गया है कि सबसे अधिक दावेदार भाजपा और बसपा के लिए हैं तथा इन्हीं दलों में आमने-सामने की टक्कर रहेगी। समाजवादी पार्टी यदि किसी ऐसे उम्मीदवार को मैदान में लाती है, जो अपनी व्यक्तिगत छवि से जनमत पर प्रभाव रखता हो तो अलग बात है। इसके लिए उसके पास डा. आशुतोष भूषण सबसे मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं। उनका प्रभाव सभी वर्गों में है।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.

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