निर्वाचन आयोग नगर निकाय चुनाव समय से कराने के लिए काम में जुट गया है। नगर के ओबीसी मतदाताओं की सूची तीस अप्रैल तक जिला कार्यालय को भेज दी जायेगी। इसपर तेजी से जनगणना जारी है। इसके बाद गजरौला को ओबीसी में रखे जाने का फैसला हो जायेगा। वैसे कुछ लोगों का मानना है कि यहां नगर पंचायत का उच्चीकरण कर पालिका परिषद बना है। ऐसे में नये नगर को सामान्य वर्ग में रखा जाना चाहिए। तीस अप्रैल के बाद स्थिति स्पष्ट हो जायेगी। इस सबके बावजूद पद के दावेदार लोगों के बीच संपर्क साधने में लग गये हैं। उनका कहना है कि वे अपनी तैयारी धीरे-धीरे कर रहे हैं। चुनाव लड़ने या न लड़ने की बाबत तो आरक्षण लागू होने के बाद सोचा जायेगा।
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ओबीसी आरक्षित सीट होने पर पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ने वालों में पूर्व जिला पंचायत सदस्य वीरेन्द्र सिंह, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह औलख, ज्ञान भारती इंटर कालेज के प्रवक्ता अशोक कुमार कश्यप, निरंजन सिंह, अनवार सैफी, डा. मो. हनीफ सैफी, साबिर ठेकेदार, जाफर मलिक, डा. जितेन्द्र यादव, गजेन्द्र सिंह चाहल, रामवीर सिंह आदि के नाम शामिल हैं। इनमें भाजपा बसपा तथा सपा तीनों दलों के सिम्बल पर चुनाव लड़ने वाले लोग हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि यदि उन्हें पार्टी सिंबल नहीं मिला तब भी वे मैदान में डटेंगे जबकि कुछ सामान्य सीट होने पर भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
केवल सामान्य सीट से चुनाव लड़ने वालों में पूर्व चेयरमेन रोहताश शर्मा, सभासद डा. आशुतोष भूषण शर्मा, सभासद अनिल अग्रवाल, राहुल बंसल, कपिल कुमार गोयल, पूर्व चेयरमेन अनिल गर्ग आदि की चर्चायें जोरों पर हैं। इन सभी ने अपनी चुनावी रणनीति पर भी काम शुरु कर दिया है।
कुछ लोगों की राय है कि एस.सी. के खाते में गजरौला जा सकता है। ऐसे अनुमान लगाने वालों में कैलाश चन्द तथा देवेन्द्रपाल उर्फ गुड्डू का नाम शामिल है। यदि ऐसा हुआ तो मौजूदा चेयरमेन हरपाल सिंह भाजपा उम्मीदवार होंगे। पिछली बार वे रिकार्ड मतों से जीते थे जबकि कैलाश चन्द दूसरे स्थान पर थे।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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