एनजीटी द्वारा जिन 13 औद्योगिक इकाईयों को प्रदूषण वाहक मानकर प्रतिबंध लगाया गया था, उन सभी को मामूली जुर्माने अथवा अर्थदंड के साथ एनजीटी द्वारा प्रदूषण रोधी मानक पूरे करने के आदेश के बाद प्रतिबंध हटा लिया गया है। सभी इकाईयां चालू हो गयी हैं तथा सभी ने निर्धारित समय सीमा में आवश्यक शर्तें पूरी करने का वचन दिया है।
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जुबिलेंट की पांच इकाईयों पर कुल पचास लाख, टेवा पर पन्द्रह लाख तथा शेष इकाईयों पर प्रति इकाई दस-दस लाख रुपये अर्थदंड लगाया गया है।
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यह तो एनजीटी के अधिकारी जानते होंगे कि इस वसूली से यहां के जल, वायु और वनस्पति पर प्रदूषण का कुप्रभाव पड़ेगा या नहीं अथवा छोईया, बगद और मतवाली का जल प्रदूषित होगा या नहीं लेकिन विलुप्तप्रायः दोनों नदियों के काफी क्षेत्र पर अवैध कब्जे हैं। साथ ही जो जल इनमें बचा है उससे उनके निकटवर्ती गांवों का भूजल प्रदूषित ही रहेगा।
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-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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