बसपा नेता कैलाश चन्द ठेकेदार की हत्या को आत्महत्या करार देकर पुलिस ने एक व्यक्ति और ठेकेदार की प्रेमिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल भेज दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई से बसपा नेता के परिजनों ने जानबूझकर हत्यारों को बचाने और हत्या को आत्महत्या ठहराने का प्रयास कहकर पुलिस की कार्यप्रणाली का खुला विरोध किया है।
घटना के बाद मौका-ए-वारदात तथा वहां मिले प्रमाण कैलाश की हत्या की ओर संकेत कर रहे थे। पुलिस द्वारा किये खुलासे की कहानी पर यकीन करना घटना के पीछे छिपे राज पर पर्दा डालना और हत्यारों को बचाने की कोशिश का प्रयास ही अधिक लगता है।
ज्ञात घटनाक्रम तथा कैलाश के प्रेम प्रसंगों के रहस्यों को जानने वाले सूत्र स्पष्ट कर रहे हैं कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि एक बहुत ही सुनियोजित और शातिराना ढंग से की गयी हत्या है। जिसमें अकेला नरेन्द्र ही नहीं बल्कि कई और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
पुलिस केवल कैलाश ठेकेदार के मोबाइल से मिली उस कॉल पर इसे आत्महत्या मान रही है जिसमें ठेकेदार सोनम को आत्महत्या की धमकी दे रहा है। यह भी सही है कि इस कॉल के समय से थोड़ी देर बाद मोबाइल से कोई बात नहीं हुई। यानि इस बात के बाद कैलाश की मौत हो गयी थी। पुलिस का मानना है कि कैलाश ने इस धमकी के बाद वास्तव में ही आत्महत्या कर ली।
इस बात के कई सबूत हैं कि रात में कैलाश के साथ कुछ लोग थे तथा नरेन्द्र उनके साथ ढाबे से खाना भी लाया था। पत्नि से अनबन के कारण बच्चों को लेकर चली गयी थी। वह अकेला ही रहता था। उसका गजरौला की सोनम नामक अविवाहित से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इससे वह कुछ असहज तो था लेकिन लोगों से संपर्क और काम में सामान्य ढंग से संलग्न था। हां, रात में वह आबादी से बाहरी छोर पर बने अपने मकान में कुछ लोगों के साथ शराब का सेवन करता था। इनमें एक नरेन्द्र भी था। लगभग सभी लोग कंस्ट्रक्शन और प्रापर्टी के व्यवसाय से जुड़े थे। इन्हीं लोगों में से किसी ने कैलाश की हत्या की है जिसके पीछे मोटे पैसे पर हाथ साफ करना प्रमुख कारण लगता है।
जिस जगह कैलाश का शव औंधे मुंह पड़ा मिला है। उस कमरे में ही कैलाश की तीन तिजोरियां थीं। नोटबंदी के बाद से वह दस-बीस लाख रुपये इन्हीं में रखता था। जिनका राज नरेन्द्र को पता था। नरेन्द्र अपराध छोड़ कैलाश के साथ कारोबार में आया बल्कि उसका नाम हिस्ट्रीशीट में पहुंचने से भी कैलाश ने ही बचवाया था। यह जानकारी कैलाश के भाई अमर सिंह ने दी है।
आत्महत्या करने वाला अपने हथियार के बजाय दूसरे का हथियार क्यों इस्तेमाल करेगा? नरेन्द्र के देसी तमंचे की गोली से कैलाश की मौत हुई। तमंचे को नरेन्द्र ने गायब कर दिया। उसका बयान है कि उसने उसे गंगा में फेंक दिया।
कैलाश के घर लोडेड तमंचा लेकर जाने का रात में नरेन्द्र का क्या मकसद था? कैलाश की खोपड़ी पार कर निकली गोली ने हत्या का मंतव्य स्पष्ट कर दिया है। घटनास्थल से ग्राउंड फ्लोर पर दूर तक खून के निशान भी हत्या का सबूत दे रहे हैं। आत्महत्या करने वाला आमतौर पर गोली कनपटी की ओर से मारता है, जबकि गोली गर्दन के ऊपर पीछे से चली है जो ललाट को छलनी करती पार हो गयी। घाव भी हत्या की कहानी कह रहा है।
कैलाश के परिजन और जिन्होंने भी घटनास्थल को देखा इसे हत्या ही मान रहे हैं। कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों को दरकिनार कर केवल नरेन्द्र की कहानी पर यकीन कर कैलाश की हत्या को पुलिस द्वारा आत्महत्या मानकर कार्रवाई करना लोगों के गले नहीं उतरने वाली घटना बन रही है।
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-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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