भाजपा सरकार द्वारा चुनाव पूर्व किसानों की कर्जमाफी घोषणा हवाई सिद्ध हो रही है। किसानों की कर्ज माफी का ठीकरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीत के फौरन बाद यह कहकर योगी सरकार के सिर फोड़ दिया कि कर्जा माफी का काम प्रदेश सरकार का है। उधर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इंडिया टीवी के एक प्रोग्राम में एंकर रजत शर्मा से स्पष्ट कह दिया कि उनके संकल्प पत्र में किसानों के कर्ज माफी का कोई जिक्र ही नहीं है। वे संकल्प पत्र में दिखा दें तो हम किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। जबकि घोषणा का कोई मतलब नहीं होता। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मामले पर अब बिल्कुल मौन साध गये हैं। उधर कर्ज माफी की उम्मीद में भोले किसान बैंकों में चक्कर लगा रहे हैं जहां बैंक प्रबंधक उन्हें यह कहकर टरका रहे हैं कि उनके पास सरकार का कर्ज माफी का कोई लिखित आदेश नहीं आया। जबकि बकाया राशि पर पेनाल्टी सहित ब्याज बढ़ने से किसान परेशान हैं तथा बैंकों ने अब वसूली का दवाब भी बढ़ाना शुरु कर दिया है।
भारतीय किसान यूनियन के सभी गुट कर्ज माफी को भाजपा सरकारों का छलावा करार देकर आंदोलन के लिए किसानों को एकजुट कर रहे हैं। हाल ही में बिजली समस्या तथा आलू न खरीदे जाने के मामले पर किसानों ने कई जगह बिजलीघरों और मंडी स्थलों पर सभायें की हैं। इन सभाओं में शीघ्र कर्ज माफी की मांग सबसे ऊपर रही है।
उधर भाकियू (असली) का दावा है कि वह माह के अंत तक प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन करने जा रही है। जिसमें देशभर के 80 किसान संगठन शामिल होंगे। संगठन के अध्यक्ष हरपाल सिंह का कहना है कि भाजपा सरकारों के नेता झूठ बोलकर किसानों के बल पर सत्ता में पहुंच गये। जबकि किसानों की समस्याओं को सत्ता मिलते ही भूल गये। इस बार कर्जमाफी पर भी उनके साथ धोखा हुआ है। किसान नेता दिवाकर सिंह ने भी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की आलोचना की है तथा कर्ज माफ न करने की स्थिति में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.
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