बहुत मिलनसार तथा हंसमुख, टोकरा के पूर्व प्रधान मो. इस्माइल का मेरठ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पचास वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नि, दो बेटे और तीन बेटियां छोड़ गये। उनके बड़े भाई मो. यासीन और छोटे भाई मो. इस्लाम के परिवार भी उन्हीं के साथ रहते हैं। मो. इस्माइल ने अल्पकाल में ही एक मामूली किसान से दूध और ईंट भट्टों के उद्योग स्थापित कर क्षेत्र के उद्योगपतियों में स्वयं को स्थापित कर लिया था।
परिवार की ओर से बताया गया है कि हर्निया के आप्रेशन के लिए वे मेरठ के समर हास्पिटल में भर्ती हुए थे। उनका स्वास्थ्य बहुत ही अच्छा था और वे तथा उनके परिवार के सभी सदस्य बीड़ी, सिगरेट तथा पान-तंबाकू जैसे किसी भी पदार्थ का सेवन नहीं करते। उनकी इलाज के दौरान अचानक मौत के लिए लोग अस्पताल स्टाफ की लापरवाही को जिम्मेदार मान रहे हैं।
मो. इस्माइल गजरौला में विजयनगर में मकान बनाकर परिवार सहित रह रहे थे। जहां उनके सभी संप्रदायों के लोगों से बहुत ही सामान्य संबंध थे। सभी राजनैतिक हस्तियों का उनके पास आना-जाना लगा रहता था।
उन्हें दोपहर बाद दो बजे नमाज के बाद उनके पैतृक गांव टोकरा पट्टी के कब्रिस्तान में दफनाया गया। उनके अंतिम संस्कार से पूर्व उनके गांव में उनके घर छोटे-बड़े सभी तरह के लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कई नेता, व्यवसायी, उद्योगपति तथा सामाजिक कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि देने और अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंचे। जहां सभी ने उनके शोक संतृप्त परिवार को सांत्वना दी और दिवंगत की आत्मा की शांति की ईश्वर से प्रार्थना की।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
Gajraula Times के ताज़ा अपडेट के लिए हमारा फेसबुक पेज लाइक करें या ट्विटर पर फोलो करें. आप हमें गूगल प्लस पर ज्वाइन कर सकते हैं ...