यहां दो बड़े आटा मिल हैं जबकि कई जगह आटा चक्कियां मालिक भी लघु आटा मीलों की तर्ज पर आटे का व्यवसाय कर रहे हैं। ये सभी लोग मंडी-कर की चोरी कर अवैध रुप से बिचौलियों के द्वारा सस्ते मूल्य पर गेहूं खरीद रहे हैं। एक आटा मिल तो खेल मंत्री चेतन चौहान की फैक्ट्री से सटा है।
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इन मिलों में शहरों से दूर बसे गांवों के किसानों से नकद दाम देकर सस्ते में गेहूं लाया जा रहा है। मंडी से गेहूं लेने के मुकाबले यह सस्ता उपलब्ध हो रहा है। मंडी सचिव तथा निरीक्षकों की मिलीभगत से यह सब हो रहा है।
संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली की जांच एसडीएम या डीएम को स्वयं करनी चाहिए।
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-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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