जिंदल हॉस्पिटल संचालक डा. बीएस जिंदल की ओर से उनकी पुस्तक 'जिंदगी और जिंदल’ के लोकार्पण के मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में अपना उल्लेखनीय योगदान देने वाली हस्तियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर नगर तथा क्षेत्र के सैकड़ों गणमान्य मौजूद थे।
'जिंदगी और जिंदल’ डा. जिंदल की आत्मकथा है। इस पुस्तक में डा. जिंदल ने बचपन से लेकर वर्तमान तक 63 वर्षों के जीवन के तमाम खट्टे-मीठे पलों को बहुत ही स्पष्ट और निःसंकोच ढंग से सिलसिलेवार, बहुत ही मनोरंजक शैली और सरल भाषा में लेखबद्ध किया है। सारांश यही है कि डा. जिंदल का समस्त जीवन ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास और मानव मात्र तथा सभी जीवों के प्रति सेवा और सहानुभूति को समर्पित रहा है। उन्होंने ईश्वर से जो चाहा, वही मिलता रहा। वे अपने, अपने परिवार तथा अपने समस्त शुभचिंतकों के प्रति पूर्ण संतुष्ट हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक राजीव तरारा ने कार्यक्रम की सराहना की तथा डा. बीएस जिंदल की समाजसेवाओं पर उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि डा. साहब ने अपनी पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर क्षेत्र की जानी मानी हस्तियों को सम्मानित कर विशिष्ट कार्य किया है। सामाजिक क्षेत्र में लंबे समय से जनसेवाओं में संलग्न महानुभावों का सम्मान जरुरी है। ऐसे में डा. जिंदल तथा उनका समस्त परिवार बधाई का पात्र है। उन्होंने सभी सम्मानित लोगों का नाम ले-लेकर उनकी सेवाओं पर प्रकाश डाला।
भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौ. विजयपाल सिंह सम्मानित लोगों में सबसे बुजुर्ग थे। उन्होंने कहा कि एक किसान को पुस्तक के लोकार्पण के मौके पर याद करने से ही डा. जिंदल के किसान प्रेम का परिचय हो जाता है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों, जैसे शिक्षा, निशुल्क वैन सेवा, तथा गरीबों आदि की आर्थिक सहायता जैसे कामों में डा. साहब की सेवाओं का हवाला दिया।
डा. एमपी शर्मा ने डा. बीएस जिंदल की सेवाओं की सराहना की तथा कहा कि उनसे उनका भाई जैसा रिश्ता है। वे हमेशा इस तरह की जनसेवाओं में डा. जिंदल के साथ रहे हैं।
सर्वेश शर्मा सम्मानित होने पर सबसे अधिक गदगद थे। उन्होंने कहा कि डा. साहब ने उन्हें उनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी अर्पित कर कृतार्थ किया है। उनके लिए यह हमेशा स्मरण रहेगा। उन्होंने अपना सम्मान नगरवासियों को समर्पित किया।
लेखक, पत्रकार तथा पर्यावरण प्रेमी गुरमुख सिंह चाहल ने डा. बीएस जिंदल की आत्मकथा 'जिंदगी और जिंदल’ में लिखी जीवन की सच्चाईयों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आग्रह किया।
पूर्व चेयरमेन कमल कुमार अग्रवाल ने डा. जिंदल के जीवन से प्रेरणा के लिए 'जिंदगी और जिंदल’ को पढ़कर उससे जीवन के सार को ग्रहण करने का आहवान किया। उन्होंने मंडी धनौरा में डा. साहब द्वारा बिताये 44 वर्षों में की सेवाओं का सिलसिलेवार वर्णन किया।
डा. बीएस जिंदल ने कहा कि चार दशक धनौरा में बिताने के दौरान उनका क्षेत्र के सभी गांवों के अधिकांश लोगों से परिचय हो गया तथा वे नगर और सभी गांवों के सभी वर्गों के बीच अपने बन गये। उन्होंने लोगों की सेवाओं को तन, मन और धन सभी तरह सामर्थ्यपूर्वक निभाया। यह क्रम आज भी जारी है। वे अब वानप्रस्थ आश्रम में हैं तथा सारा कार्य उनके बेटे डा. दिलबाग जिंदल तथा पुत्रवधु राधा जिंदल के हाथों में है। फिर भी समाजसेवाओं में वे अंतिम सांस तक लगे रहेंगे।
अध्यक्षता कर रहे पालिकाध्यक्ष राजेश सैनी ने कहा कि वे डा. जिंदल को अपना मार्गदर्शक मानने के साथ पितृतुल्य सम्मान देते हैं। डा. साहब का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है। सुभाष जैन, अरविन्द भटनागर, वीरेश सिंह आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम लायंस कन्या इंटर कालेज में हुआ। सभी को भोजन कराया गया।
कार्यक्रम के अंत में हॉस्पिटल की बाल रोग विशेषज्ञा डा. राधा जिंदल ने आये हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में कुसुमलता गोयल, डॉ. एमपी शर्मा, कमलेश जिंदल, संजीव प्रधान, ईशान अग्रवाल, पवन कुमार गुप्ता, कमल अग्रवाल, योगेन्द्र भाटी, कुलदीप सिंह, डॉ. नरेश दत्त, पं. शिव कुमार त्रिवेदी, वीरेश पाल सिंह, सुभाष जैन, हाज़ी डॉ. याकूब अली, डॉ. रामनाथ आर्य, राजीव कुमार अग्रवाल, डॉ. कौशिक, डॉ. राजेश सारस्वत, पत्रकार चमन सिंह, कैलाश गुर्जर, अरविन्द अम्हेड़ा, संजीव गर्ग, प्रणव, विवेक अग्रवाल, मधुबाला, भार्गवी, तथागत प्रधान, राजीव, मोहित सिंह, दीपिका आर्य व संदीप आर्य आदि नगर व आसपास के सैंकड़ों लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. दिलबाग जिंदल व एडवोकेट निधि तंवर ने किया।
-टाइम्स न्यूज़ मंडी धनौरा.
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