फिर नाव के सहारे एक दर्जन गांव, सांसद ने भी वादा नहीं निभाया

नाव में बाइक रखकर लोग इस पार आते हैं तब कहीं जरुरी सामान लाने को शहर पहुंचा जाता है.
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सांसद के गोद लिए गांव चकनवाला के पास गंगा पोषक नहर पर स्थायी पुल नहीं बन सका। यह पुल गंगा के तटवर्ती एक दर्जन गांवों को क्षेत्र से जोड़ने का एकमात्र साधन है। लोग बरसात में नावों के सहारे यहां से गंगा पार कर काम के लिए आते जाते हैं। पूरी बरसात लोग गंभीर मुसीबतों का सामना करने को मजबूर हैं।

बरसात के बाद यहां एक अस्थायी पुल बनाकर हल्के वाहन लाने ले जाने के लिए बनाया जाता है जिसे बरसात शुरु होने से पूर्व तोड़ दिया जाता है। यहां पूरी बरसात यानि जून से जनवरी तक लोग नावों के सहारे ही नहर पार करते हैं। इस बीच कोई भी बैलगाड़ी या ट्रैक्टर आदि यहां आ जा नहीं सकता।

निकटवर्ती शहर गजरौला यहां से 15 किलोमीटर दूर पड़ता है। नाव में बाइक रखकर लोग इस पार आते हैं तब कहीं जरुरी सामान लाने को शहर पहुंचा जाता है। गंगा के दूसरी ओर एक दर्जन गांव हैं। उन्हें नावों तक दस से 12 किमी. तथा फिर नहर पार कर 15 किमी. गजरौला पहुंचते हैं।

kanwar singh tanwar

सांसद ने भी वादा नहीं निभाया
सांसद कंवर सिंह तंवर ने चुनाव से पूर्व यह पुल बनवाने का वायदा किया था। तीन साल बीतने के वावजूद उन्होंने उधर जाकर भी नहीं देखा जबकि उनका गोद लिया गांव चकनवाला भी इससे जुड़ा है। लोग सांसद से बेहद नाराज हैं तथा उन्होंने सांसद का बहिष्कार करने और आगामी चुनाव में उन्हें वोट न देने का ऐलान भी किया है। दियावली, सीसोंवाली, ढाकोंवाली, जाटोंवाली, मीरापुर आदि एक दर्जन गांवों के हजारों लोग दशकों से पुल निर्माण की आास में हैं। आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिलता।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.


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