पहाड़ों पर वर्षा होते ही बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर

लोगों ने अपनी, पशुओं तथा अनाज आदि की सुरक्षा के प्रबंध करने शुरु कर दिये हैं.
water in river ganga flood

पहाड़ों पर शुरु हुई बरसात से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना स्वाभाविक है। हरिद्वार तथा बिजनौर बैराज से बरसात के मौसम में रुक-रुक कर गंगा में पानी छोड़ा जाता है। पहाड़ों पर जैसे ही भारी बारिश होती है वैसे ही हरिद्वार तथा बिजनौर के बांधों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ता है जिससे यहां एकत्र जल को आवश्यकतानुसार गंगा में छोड़ दिया जाता है। इससे तिगरी और ब्रजघाट में जलस्तर बढ़ जाता है। अधिक जल आने से गंगा के तटवर्ती एक सौ गांवों में बाढ़ आने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। मंडी धनौरा तथा हसनपुर दोनों तहसीलों के ये गांव लगभग प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं, इससे हजारों हेक्टेयर फसल बरबाद हो जाती है। पशु और मानव विभिन्न रोगों के शिकार होते हैं तथा कई मौतें भी होती हैं।

ganga flood tigri buffalo

इस समय धीरे-धीरे गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। जैसे-जैसे बरसात होगी जलस्तर और बढ़ेगा। लोग अभी से सतर्क हैं तथा उन्होंने अपनी, पशुओं तथा अनाज आदि की सुरक्षा के प्रबंध करने शुरु कर दिये हैं।

लाउडस्पीकरों से बाढ़ रोकेंगे
प्रशासनिक स्तर से बताया गया है कि बाढ़ से निपटने को दोनों तहसीलों पर सभी प्रबंध पुख्ता है। धनौरा और हसनपुर दोनों तहसीलों क्षेत्रों में 11 चौकियां स्थापित की गयी हैं जो हसनपुर बांध पर स्थित हैं। जबकि यहां केवल एक-एक कर्मचारी है जबकि बाढ़ से निपटने के उपकरणों में लाउडस्पीकर, लाइफ जैकेट, वायरलैस सैट, केन रखने आदि को तहसील मुख्यालयों पर रखा गया है। सबसे जरुरी यंत्र नावों का कोई इंतजाम नहीं। बताया गया है कि बाढ़ आने पर ब्रजघाट से किराये पर लेंगे।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला/अमरोहा.


Gajraula Times  के ताज़ा अपडेट के लिए हमारा फेसबुक  पेज लाइक करें या ट्विटर  पर फोलो करें. आप हमें गूगल प्लस  पर ज्वाइन कर सकते हैं ...
और नया पुराने