जिस सांसद को पांच वर्षों में अपने लोकसभा क्षेत्र के 15सौ गांवों की समस्याओं का निराकरण कराना था वह सांसद अपने क्षेत्र के गोद लिए गांव चकनवाला की जारी समस्याओं से किसी का भी तीन साल में निराकरण नहीं करा पाया। तीन साल पूर्व विकास में जिस गति से चल रहा था वह रफ्तार इन तीन सालों में थोड़ी भी तेजी नहीं ला पायी।
सांसद हो या विधायक उनके अपने क्षेत्र के सभी गांवों की जनसमस्याओं के निराकरण का दायित्व उन्हीं पर होता है लेकिन मोदी सरकार ने केन्द्र की सत्ता संभालते ही सभी सांसदों को अपने-अपने क्षेत्र का एक-एक गांव प्रतिवर्ष गोद लेकर उसे मॉडल गांव बनाने का निर्देश दिया था। इसी सिलसिले में अमरोहा सांसद कंवर सिंह तंवर ने चकनवाला गांव को पहले साल और करनपुर को दूसरे साल विकसित करने के लिए चुना। चकनवाला को अपनी गोद में बैठाये सांसद को तीन वर्ष बीत चुके लेकिन गांव की मूलभूत समस्या शुद्ध पेयजल, विद्युतीकरण तथा सड़कों का हाल वही है जो तीन वर्ष पूर्व था।
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और तो और उनके कार्यकाल से पूर्व गांव में मात्र फीसदी घर शौचालय युक्त नहीं थे। अभी भी कई घरों में शौचालय नहीं बने तथा गांव की आबादी के कई लोग खुले में शौच जाते हैं। नवागत डीएम नवनीत सिंह चहल ने गांव के सभी लोगों से सरकारी सहायता से शौचालय बनवाने को कहा ताकि पूरा गांव खुले में शौच मुक्त हो सके।
गांव के कमजोर तबके के लोगों की शिकायत है कि उनके आवेदन करने के बावजूद उनके राशन कार्ड नहीं बनवाये जा रहे। गांव में इन तीन वर्षों में बिजली पुराने ढर्रे पर है। किसानों का कहना है कि बिजली आपूर्ति पर्याप्त न होने से फसलों में भारी नुक्सान है। महंगे उर्वरक, खेत की तैयारी और महंगे बीज के बावजूद सिंचाई समय से न होने से उन्हें लाभ के बजाय हानि उठानी पड़ रही है।
गांव के रास्ते टूटे-फूटे, नालियों की कमी के कारण यहां से गुजरना आसान नहीं। गांव में एक भी इंटर कालेज नहीं। जबकि पास के गांव पपसरा में बिना गोद लिये ही सरकारी इंटर कालेज बन रहा है।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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