मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गयी है। मंदसौर जिले में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने किसानों पर फायरिंग की।
मंदसौर जिले के पिपलिया में हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे थे। खबरों के मुताबिक पुलिस ने गोली चला दी जिससे कई किसान घायल हो गये। तीन किसानों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, वहीं गंभीर हालत में दो किसानों की इंदौर ले जाते समय मौत हो गयी।
उधर गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह कह रहे हैं कि पुलिस फायरिंग नहीं, असमाजिक तत्वों की फायरिंग में किसानों की मौत हुई है। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शी कह रहे हैं कि पुलिस ने गोली चलायी है।
सोमवार रात में मंदसौर जिले में किसानों ने रेलवे क्रासिंग गेट को तोड़ने की कोशिश की थी। जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है। कुछ दिन पहले ही पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे थे और लाठीचार्ज भी किया था।
किसानों का कहना है कि सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने तो मानो मौन साध रखा है और वे इसपर कुछ भी नहीं बोल रहे। किसान सरकार से बुरी तरह मायूस हैं।
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन को छह दिन हो गये हैं। कर्ज माफी, फसलों का उचित मूल्य आदि मांगों को लेकर किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
मध्य प्रदेश के साथ ही भाजपा शासित दूसरे राज्य महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन एक जून से जारी है। हालांकि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने पिछले साल अक्टूबर तक के कर्ज माफी की बात कही है, लेकिन किसानों को सरकार की नीयत पर भरोसा नहीं है।
-टाइम्स न्यूज़.
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