शहरवासियों की मुसीबत गांव वालों के गले में

विरोध के वावजूद पूरा प्रशासनिक अमला कानों में तेल डालकर सोया रहा.

सरकारी आदेश के बहाने शहरी लोगों की मुसीबत प्रशासन ने गांव वालों के गले डाल दी। गांव वाले परेशान होकर अपना विरोध प्रकट करने को धरने, प्रदर्शन और ज्ञापन दे रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला ही नहीं।

liquor_protest_women

नगर की सभी दुकानें राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों के किनारे थीं। इन मार्गों पर दुकानों की पाबंदी के कारण हटाकर अन्यत्र ले जाना था। इसलिए इन दुकानों को शहर के करीबी गांव नवादा, कुमराला तथा फौंदापुर के पास खोल दिया गया। इन सभी स्थानों पर दुकानों का भारी विरोध है। सबसे अधिक विरोध फौंदापुर में हुआ था। यहां की महिलायें दो सप्ताह से दुकान हटाने को लामबंद थीं तथा कभी दुकान, कभी पुलिस और कभी कलैक्ट्रेट तक पर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। लेकिन पूरा प्रशासनिक अमला कानों में तेल डालकर सोया रहा। बाद में उन्हें गांव वालों के विरोध के आगे झुकना पड़ा।

wine_shop_gajraula

नवादा में पुलिस ने बल प्रयोग करके विरोध दबा दिया। वहां के कई लोगों को उपद्रव में भाग लेने के आरोपों में पुलिस हिरासत में लेकर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था।

फौंदापुर में शराब की दुकान का मामला शांत हुआ तो महेशरा में महिलाओं का विरोध शुरु

कुमराला गांव के पास खुली दोनों दुकानों को बंद कराने की भाकियू कार्यकर्ताओं ने मांग की है। दुकान के सामने प्रदर्शन भी किया है लेकिन फिलहाल यहां भी शांति है। फौंदापुर में अभी भी विरोध है जिसमें गांव की महिलायें एकजुटता के साथ सड़क पर थीं। वे दो सप्ताह से लगातार आंदोलनरत थीं। एक रणनीति के तहत उन्होंने पुरुषों को विरोध से पीछे कर दिया। केवल महिलायें शराब की दुकान के खिलाफ मैदान में डटी रहीं। वहीँ महेशरा में भी विरोध शुरू हुआ है।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.


Gajraula Times  के ताज़ा अपडेट के लिए हमारा फेसबुक  पेज लाइक करें या ट्विटर  पर फोलो करें. आप हमें गूगल प्लस  पर ज्वाइन कर सकते हैं ...