मध्य प्रदेश में भी किसान बदहाल हैं। शिवराज सिंह की सरकार ने उनकी सुनवाई नहीं की तभी वे अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आये हैं। किसानों ने 1 जून से 10 जून तक हड़ताल कर दी है। इस हड़ताल से राज्य में आम जनजीवन पर खास असर देखा जा रहा है। हड़ताल के पहले दिन ही लोगों की समस्यायें सामने आ रही हैं। किसानों ने सैकड़ों लीटर दूध सड़क पर बहाया तो कहीं सब्जियों को फेंक दिया गया।
किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी उपज के सही दाम नहीं दिये जा रहे। फल, सब्जी, दूध आदि की मांगों को लेकर वे हड़ताल पर हैं। उन्होंने कर्ज माफी के मुद्दे को भी जोरशोर से उठाया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन आदि जगहों पर किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। मंडियों में सब्जी व फल न पहुंचने से व्यापारी और ग्राहक परेशान हैं।
किसानों ने कहा है कि उन्हें नकद भुगतान नहीं दिया जा रहा। सरकार किसानों की समस्याओं को भली-भांति जानती है, मगर उसका निदान करने की जहमत नहीं उठा रही। बैंकों में भी निराशा हाथ लग रही है। आलू और प्याज के दाम भी उचित नहीं मिल रहे। सरकार मौन साधे बैठी हुई है। कई जगह किसानों की हड़ताल उग्र भी हुई है जहां दूसरे किसानों को बाजार में सब्जी व फल ले जाने से रोका गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर पहले से ही किसानों पर भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं।
-टाइम्स न्यूज़.
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