‘भाईचारे और मेलजोल से मुल्क की तरक्की मुमकिन है’

'जमीअत के सौजन्य से ज़िले में जो कार्यक्रम किये जाने हैं उनको कामयाब बनाया जाए'.

मदरसा नसिमुल मआरिफ़ रजबपुर में आज़ादी के मौके पर जमीअत उलामा-ए-अमरोहा के सौजन्य से एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में मुरादाबाद मदरसा शाही से आये हज़रत मौलाना तौहीद ने लोगों को बताया कि हिंदुस्तान की जंगे आज़ादी में मुसलमानों की प्रथम व अहम भूमिका रही जिसको इतिहास से कभी निकाला नहीं जा सकता. हापुड़ से आये मौलाना निज़ामुद्दीन साहब ने भी मुल्क के मौजूदा दौर का ज़िक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग मुल्क की सालमियत को खत्म करना चाहते हैं. मौलाना ने कहा कि हमें मज़हबे इस्लाम व भारतीय संविधान पर अमल करते हुए सभी के साथ प्यार व मोहब्बत से पेश आना है ताकि वे लोग अपनी नापाक कोशिश में कामयाब न हों.

muslim_program_rajabpur

जमीअत उलामा-ए-अमरोहा के सदर मुफ़्ती ख़ुर्शीद अनवर ने भी मुल्क की आज़ादी में हिस्सा लेने वाले शहीदों का ज़िक्र किया और कहा कि आज़ादी हमारे पुरखों ने बड़ी मेहनत के साथ हासिल की है. इसीलिए हमें मुल्क में प्यार व मोहब्बत के साथ ही रहना चाहिए और ख़ास तौर से फ़िरक़ा परस्तों से अपने मुल्क को बचाना है. उन्होंने कहा कि यह तभी हो सकता है जब हम मिलजुल कर रहें. सदर साहब ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी मुसलमान प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न करे. साथ ही कहा कि हम जिस मुल्क में रहते हैं उसके क़ानून पर अमल करना हमारा फ़र्ज़ है. जमीअत उलामा-ए-अमरोहा के जनरल सेक्रेटरी मौलाना शम्स तबरेज़ ने प्रोग्राम का संचालन करते हुए बताया कि इस आयोजन का मकसद यह है कि आने वाली 15 अगस्त को जमीअत की जानिब से ज़िले में जो कार्यक्रम किये जाने हैं उनको कामयाब बनाया जाए.

जिला अध्यक्ष हज़रत मुफ़्ती ख़ुर्शीद अनवर की दुआ पर प्रोग्राम का समापन हुआ.

muslim_amroha_rajabpur

इस मौके पर क़ारी मिन्हाज साहब, क़ारी अबरार, क़ारी गुलरेज़ आलम, मौलाना शकील, मौलाना जमशेद, मौलाना शमशुल हक़, मुफ़्ती अहमद, मौलाना आरिफ़, मौलाना गयासुद्दीन, क़ारी राशिद, क़ारी इरशाद, मौलाना सलमान गजरौलवी आदि लोग मौजूद रहे.

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.



Gajraula Times  के ताज़ा अपडेट के लिए हमारा फेसबुक  पेज लाइक करें या ट्विटर  पर फोलो करें. आप हमें गूगल प्लस  पर ज्वाइन कर सकते हैं ...
और नया पुराने