सपा के टूटने और बालियान की सभा से भाजपा मजबूत

दलीय और निर्दलीय सभी उम्मीदवार पूरे जोरशोर से अपने-अपने प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं.

पूर्व मंत्री और भाजपा सांसद संजीव बालियान ने चुनावी मौसम में मंडी धनौरा और गजरौला में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में जनसभायें कर अपने उम्मीदवारों की मजबूती की कोशिश की। उनकी जनसभा के कारण पहले ही मजबूत स्थिति में चल रहीं अंशु नागपाल को और बल मिला। यह यहां बढ़ रहे भाजपा के जनाधार की ही वजह रही कि भाजपा के प्रमुख प्रतिद्वंदी दल का नगर प्रमुख अपने साथियों सहित भाजपा की शरण में पहुंच गया।

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गजरौला का पालिकाध्यक्ष पद का चुनाव जो अभी तक कभी चतुष्कोणीय और कभी त्रिकोणीय लग रहा था अब वह काफी एकतरफा लगने लगा है तथा 2012 की तर्ज पर भाजपा की ओर बढ़ता दिख रहा है।

केन्द्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सत्ता के कारण भाजपा की उम्मीदवारी के लिए यहां लंबी लाइन थी। जैसे ही अंशु नागपाल का टिकट घोषित हुआ तो यहां खलबली मच गयी। टिकट की उम्मीद लगाये बैठे कई नेता बहुत ही खिन्न हो गये। जिनमें से अधिकांश धीरे-धीरे शांत होकर पार्टी के घोषित उम्मीदवार के पक्ष में आ गये बल्कि आरएसएस के पुराने नेता अशोक कश्यप और अनिल गर्ग विद्रोह कर मैदान में उतर पड़े। इन दोनों को समझाने के प्रयास चल रहे हैं ताकि भाजपा बड़ी जीत हासिल कर सके लेकिन इन लोगों के तेवर अभी तक नरम नहीं पड़े हैं। बल्कि ये दोनों भी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।

वैसे देवेन्द्र नागपाल ने अभी तक जितने भी चुनाव लड़े हैं, वे गजरौला में हमेशा बढ़त बनाये रहे हैं। ऐसे में अंशु नागपाल की मजबूती को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

उधर निर्दल उम्मीदवार रोहताश कुमार शर्मा कई निष्कासित बसपा नेताओं के साथ प्रचार अभियान में जुटे हैं। उनका और उनके समर्थक प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। जबकि बसपा, सपा, रालोद तथा कई निर्दल उम्मीदवार भी मैदान में हाथ पैर मार रहे हैं तथा 26 नवंबर के मतदान में बढ़त के लिए जी जान से जुटे हैं।

-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.


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