नगर पालिका परिषद का यह पहला चुनाव है। नगर पंचायत के रुप में इससे पूर्व यहां पांच चुनाव हो चुके जिसमें अनिल गर्ग, जसराम सिंह, महेन्द्र सिंह, रोहताश शर्मा तथा हरपाल सिंह एक-एक बार चेयरमेन रहे। इस बार जनता किसे चुनेगी यह 26 नवंबर के मतदान के बाद पता चलेगा। हमने कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों से गजरौला के भावी चेयरमेन के बारे में चर्चा की।
नगर के सबसे पुराने चिकित्सक तथा जनसमस्याओं को लेकर बहुत जागरुक व्यक्तित्व डा. श्याम सिंह का कहना है कि जो लोग अध्यक्ष या सभासद का चुनाव लड़ रहे हैं, लोगों को सबके चाल, चरित्र और चेहरों का पता है। जाति, धर्म या वर्ग को एक ओर रखकर ऐसे लोगों को मतदान करें जिनसे नगर के विकास की उम्मीद हो। यह समझने में हमें कोई दिक्कत नहीं होगी कि कौन उम्मीदवार हमारी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। यदि जाति-बिरादरी को प्रमुखता दी तो विकास की बात दूर रहेगी।
नगर के प्रमुख मिष्ठान विक्रेता, जिनकी वाणी में भी उनकी मिठाइयों जैसा स्वाद है, वे अरविन्द अग्रवाल नगर के प्रदूषण से लेकर, बढ़ते अतिक्रमण और अनाप-श्नाप हो रहे निर्माण पर गंभीर हैं। उनका कहना है कि हम सभी को एक जिम्मेदार नागरिक के दायित्व का निवर्हन करते हुए ऐसे व्यक्ति का चयन करना चाहिए जो इस तरह की समस्याओं से निजात दिलाने को अपने स्वार्थ से बढ़कर मानता हो। हम सभी को मतदान करने से पहले इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
प्रमुख बिल्डर और शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे समाजसेवी चौ. सोमवीर सिंह का कहना है कि नगर निकाय एक स्थानीय प्रशासनिक निकाय है। जिसे राज्य या राष्ट्रीय स्तर से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। स्थानीय मुद्दे ऐसे चुनावों में प्रमुख होते हैं। जिस नेता से स्थानीय सरोकार जुड़े हों तथा जो जनता के बीच अधिक समय दे कर बिना किसी जाति, धर्म और दलगत भावना से ऊपर उठकर काम करने का साहस जुटा सके हमें उसी को नगर की बागडोर सौंपनी चाहिए।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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