बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा स्थापित विशाल इकाईयां, नेशनल और स्टेट हाइवे, रेलवे जंकशन तथा विस्तृत ग्रामीण क्षेत्र, जहां दुघर्टनाओं का आकलन भी करना आसान नहीं। इसी के साथ यहां दर्जनभर से अधिक नर्सिंग होम और दूसरे अस्पताल जहां बच्चे, बड़े और वृद्ध पुरुष और महिलाओं का इलाज होता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जहां सभी तरह का स्टाफ मरीजों के उपचार तथा महिलाओं के प्रसव आदि के लिए तैनात है। यदि ऐसे में यहां एक भी ब्लड बैंक न हो तो बात बहुत गंभीर है। यही नहीं यहां ब्लड देने वाले नवयुवकों की कोई कमी नहीं। साल में कई बार अनेक एनजीओ तथा सरकारी उपक्रमों के द्वारा ब्लड दान कैंप लगाये जाते हैं। जिनमें हजारों यूनिट एकत्र कर लिया जाता है। दुर्भाय यह है कि यहां किसी मरीज या मरणासन्न को उस रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो वह यहां के किसी ऐसे जरुरतमंद के काम नहीं आता।
पिछले दिनों नवागत मुख्य चिकित्साधिकारी डा. रमेश चन्द शर्मा व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. दिनेश खत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। उस दौरान डा. शर्मा के दिमाग में ब्लड बैंक की कमी का विचार कौंधा। उन्होंने कहा कि विशाल क्षेत्र तथा बेहद महत्वपूर्ण सीएचसी में ब्लड बैंक जरुर होना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने डिजिटल एक्स-रे तथा अल्ट्रासाउंड मशीन की भी जरुरत का जिक्र किया। उन्होंने इसके लिए शासन को लिखने की बात की तथा समस्त स्टाफ की लापरवाही से बचने की हिदायत दी।
उल्लेखनीय है कि एसीएमओ डा. दिनेश खत्री जनपद में काफी समय से हैं और उनके पास गजरौला सीएचसी का कार्यभार भी रहा है लेकिन उन्होंने इस प्रकार की जरुरत को अच्छी तरह समझने के बावजूद कोई प्रयास नहीं किया। यदि डा. शर्मा यह सब कराने में सफल रहे तो लोगों के लिए यह बड़ा वरदान होगा।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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