ग्राम पंचायत निधि से होने वाले विकास कार्य अब लंबी प्रक्रिया से होकर शुरु हो सकेंगे। यह नयी प्रणाली ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने के नाम पर शुरु की जा रही है। यह इस प्रक्रिया के परिणाम आने पर पता चलेगा कि इससे भ्रष्टाचार थमा अथवा विकास कार्यों में विलंब का सिलसिला शुरु हुआ।
सर्वविदित है कि आयेदिन ग्राम सभाओं में सड़क, नाली या दूसरे विकास कार्यों को प्रधान और सचिव की मिलीभगत से स्तरहीन या बिना बनाये ही धन आहरण की शिकायतें मिलती रहती हैं। जांच में भी लीपापोती ही होती है। शासन इस तरह के मामलों पर लगाम लगाने के लिए नयी प्रणाली अपना रहा है।
जिसके तहत पांच सदस्यों की कमेटी गांव में बनायी जायेगी। ग्राम प्रधान और सचिव कमेटी को कार्य के बारे में अवगत करायेंगे जिसपर कमेटी सदस्य गांव वालों की सहमति लेंगे। उनकी सहमति के बाद कमेटी कार्य, उसमें होने वाले खर्च आदि का ब्यौरा तैयार कर प्रधान और सचिव को देगी। इस ब्यौरे को सचिव शासन की वेबसाइट पर अपलोड करेगा। जिसपर शासन अपनी स्वीकृति प्रदान करेगा। इसके बाद प्रधान और सचिव कार्य करायेंगे। इसके बाद काम पूरा होने पर उसकी फोटो सहित फिर से शासन की वेबसाइट पर ऑनलाइन भेजा जायेगा। इसी के साथ कमेटी की संस्तुति भी जरुरी होगी। उनकी रिपोर्ट के बिना यह मान्य नहीं होगी। शासन की संस्तुति पर कार्य में खर्च धन कार्यदायी ठेकेदार या संस्था को दिया जायेगा। इस सारी प्रक्रिया में कई माह भी लग सकते हैं जिससे कार्यों में अनावश्यक विलंब होगा।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.
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