नौकरीपेशा लोगों को बजट से निराशा हाथ लगी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश किया। उम्मीद की जा रही थी कि चुनावों से पूर्व सरकार कुछ राहत देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। वह चाहती तो इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर राहत दे सकती थी।
नौकरीपेशा लोगों को हालांकि स्टैंडर्ड डिडक्शन स्कीम के तहत यात्रा और मेडिकल खर्च के मद में ग्रास सैलरी से चालीस हजार रुपये घटाकर उस आमदनी पर कर देना होगा। इनकम टैक्स पर सेस बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।
बुजुर्गों को 80डी के तहत जो मेडिकल क्लेम की सीमा थी उसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है। उनके लिए बैंक में पैसा जमा पर ब्याज की छूट की सीमा भी 50 हजार रुपये कर दी गयी है।
हालांकि सरकार ने 25 प्रतिशत कारपोरेट टैक्स रेट की छूट को अब 250 करोड़ रेवन्यू वाली कंपनियों को देने का फैसला किया है। 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली किसान उत्पादों की कंपनियों को 100 प्रतिशत टैक्स में छूट देने की घोषणा की है।
मोबाइल फोन महंगे हो गये हैं। उनपर कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गयी है।
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