हसनपुर नगर पालिका की चेयरमैन नीलम शादाब के फर्जी प्रमाण पत्र मामले की जांच जारी है। इसके तहत संभल एसडीएम पांच सदस्य कमेटी के सामने पेश हुए। डीएम नवनीत सिंह चहल की मौजूदगी में कमेटी ने दोनों पक्षों के साक्ष्यों को देखा। उनके आधार पर एसडीएम और तहसीलदार से पूछताछ की। डीएम नवनीत सिंह चहल ने संभल एसडीएम और तहसीलदार को 10 फरवरी को फर्जी प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेजों के साथ तलब किया है। उनका कहना है कि एसडीएम व तहसीलदार से पूछताछ की गई थी। संबंधित दस्तावेजों को दोनों अधिकारी 10 फरवरी को रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत करेंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बसपा प्रत्याशी नीलम शादाब ने निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कविता सैनी को 2600 मतों से पराजित किया था। भाजपा के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था। नीलम शादाब की इस विजय से भाजपाई गढ़ में सीधी सेंध लगी थी। भाजपा के नगर अध्यक्ष अतुल कुमार जैन और पार्टी के दूसरे नेताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर नीलम शादाब पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने का आरोप लगाया। आरोप में कहा गया कि शादाब सामान्य जाति से आती हैं। वे शेख ढप्पाली को पिछड़ी जाति बता कर चुनाव लड़ी हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में सामान्य जाति में आती हैं। डीएम नवनीत सिंह चहल ने इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए एसडीएम हसनपुर और संभल से हसनपुर चेयरमैन के प्रमाण पत्र संबंधित रिपोर्ट मांगी।
एसडीएम संभल ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि नीलम शादाब की जाति पिछड़ी में नहीं आती। यह रिपोर्ट उन्होंने 11 दिसंबर को अपनी जांच के बाद सौंपी। यानि संभल तहसील द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र फर्जी है। उसके बाद पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया जिसके सामने तीन बार बहस हो चुकी है। बीते 15 जनवरी को दोनों पक्षों की ओर से इस मामले पर साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे। उसके बाद 3 फरवरी को फिर से एसडीएम और तहसीलदार कमेटी के सामने पेश हुए तथा उनसे डीएम की मौजूदगी में पूछताछ की गई। इस मामले पर अब 10 फरवरी को दोनों अधिकारी अपनी रिपोर्ट कमेटी को सौंपेंगे।
-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.
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