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अरुण शौरी नरेन्द्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधने से खुद को रोक नहीं पा रहे. |
ममता बनर्जी की मुलाकातों का अद्भुत दौर जारी है. यह अद्भुत इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि ममता कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से अलग विचार रखती हैं जो तीसरे मोर्चे की बात कर रही हैं. हालांकि अभी तीसरा मोर्चा टाइप कुछ अस्तित्व में आता नहीं लगता. इसी बीच ये भी ख़बरें आती हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा अब बीजेपी से खुद को अलग करने की प्लानिंग कर रहे हैं. क्या यह ममता इफ़ेक्ट की वजह से हो रहा है?
उधर अरुण शौरी नरेन्द्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधने से खुद को रोक नहीं पा रहे. उन्होंने भी दीदी से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि सरकार का नियंत्रण पीएम मोदी के हाथ से फिसलकर अमित शाह के हाथ में जा रहा है और यदि ऐसा हुआ तो देश को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. इसका मतलब अभी साफ नहीं हुआ है कि देश को किस तरह की कीमत चुकानी पड़ सकती है. लेकिन उम्मीद है अरुण शौरी इस पर जल्द कुछ कहेंगे.
अरुण शौरी ने इस बात के लिए कांग्रेस को आगाह किया कि सबको मिलकर भाजपा के मोमेंटम को ध्वस्त करना होगा. यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस के साथ दूसरे दल भी साफ़ हो जायेंगे. उन्होंने राहुल गाँधी की बिहार में महागठबंधन में शामिल होने की तारीफ जरुर की.
ममता बनर्जी विपक्ष को साधने में जुटी हैं. लेकिन इससे एक बात तय होती जा रही है कि मोदी सकरार के खिलाफ ऐसा पहली बार है हुआ है जो विपक्ष इस तरह एकजुट हुआ है.