क्या कर्नाटक के आंकड़ों को बीजेपी और कांग्रेस इस बार चौंकाने वाले बनायेंगे?

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कांग्रेस ने कर्नाटक में 2013 में हुए पिछले चुनाव में 122 सीटें जीत कर बहुमत की सरकार बनायी थी.

कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस चुनाव जीतने के अपने-अपने दावे कर रहे हैं. दोनों का मानना है कि इस बार उनकी जीत होगी. ऐसा सभी चुनावों से पहले कहा जाता है और इसमें कुछ नया भी नहीं दिखता. लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो कई बातें स्पष्ट होने लगती हैं. साल 1983 और 1985 में लगातार दो बार जनता पार्टी की सरकार बनी. उसके बाद कोई भी दल कर्नाटक में लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बना सका. तो क्या इस बार कांग्रेस सत्ता से बेदखल होगी?

कांग्रेस ने 2013 में हुए पिछले चुनाव में 122 सीटें जीत कर बहुमत की सरकार बनायी थी. उसने बीजेपी को राज्य से बाहर किया था. केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के समय कर्नाटक में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई. इस बार बीजेपी ऐसा करने की सोच रही है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. वैसे भी बीजेपी के खिलाफ देश भर में विपक्ष लामबंद हो रहा है. उससे साफ़ हो रहा है कि राज्य क्या केंद्र में बीजेपी गठबंधन के लिए आने वाले चुनावों में खतरा बढ़ता जा रहा है. उस खतरे को बीजेपी के नेता समझ रहे हैं.

साल 2008 की बात करें तो बीजेपी ने 110 सीटें जीतीं और राज्य में पहली बार सरकार बनायी. तब दक्षिण भारत में यह बीजेपी की पहली सरकार थी. उसके बाद से अब तक कांग्रेस का शासन है.

देखना दिलचस्प होगा की अमित शाह या राहुल गाँधी कौन किस तरह वोटरों को रिझा पाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी वहाँ गए नहीं हैं. बीजेपी यदि हारती है तो उसकी जिम्मेदारी मोदी और शाह की ही होगी, वहीँ राहुल गाँधी, यदि वे हारे तो ज़िम्मेदार होंगे. बीजेपी शायद ही मोदी को किसी हार का ज़िम्मेदार ठहराए जबकि पार्टी की छवि मोदी की नीतियों पर निर्भर करती है. आखिर वे देश भी चला रहे हैं. क्या कर्नाटक के आंकड़ों को बीजेपी और कांग्रेस इस बार चौंकाने वाले बनायेंगे?

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