मानसिक रोगों के सामान्य लक्षणों पर चेताया डॉ. अनंत राणा ने

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मनोरोगों के अनेक लक्षण होते हैं जिनका मरीज़ की काउंसलिंग या अन्य जांचों के जरिये पता लगाते हैं.

बढ़ते प्रदूषण, खानपान तथा रहन-सहन में भारी बदलाव और भौतिक सुविधाओं की भागदौड़ में व्यस्त आदमी मानसिक समस्याओं से ग्रस्त होता जा रहा है जिससे देश की एक बड़ी आबादी कई प्रकार के मनोरोगों की शिकार है। इससे आदमी अपने परिवार, व्यवसाय, नौकरी तथा दूसरे क्षेत्रों से जुड़े अपने साथियों आदि में बेहतर सामंजस्य बैठाने में असहज होता जा रहा है। इससे सामाजिक ताने-बाने में भी असंतुलन होने का खतरा बढ़ता है तथा शांति व्यवस्था में बाधायें आ रही हैं।

देश के जानेमाने मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनंत राणा से नगर के आशियाना क्षेत्र स्थिति उनके आदविक हेल्थ सेंटर पर हमारे संपादक जी.एस. चाहल ने  मानसिक रोगों के लक्षणों, कारणों तथा चिकित्सा संबंधी उपायों पर विचार-विमर्श किया तो उन्होंने बताया कि मनोरोगों के अनेक लक्षण होते हैं जिनका हम मरीज़ की आवश्यतानुसार काउंसलिंग या अन्य जांचों के जरिये पता लगाते हैं।

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डॉ. राणा ने बताया कि सामान्यतः ऐसे रोगियों में छोटी-छोटी बातों में चिंतित होना, भविष्य को लेकर बेवजह चिंता, किसी को कही बात पर शंका प्रकट कर चिंतित होना, लोगों से बात करने या बंद कमरे में अकेले होने पर भयभीत होना, बिना शारीरिक रोग के मौत के डर से डरना, हृदयगति बढ़ना, पसीना आना, अकारण सोचने लगना कि लोग मुझे मार डालेंगे अथवा पुलिस का भय सताना, अपनी बात पूरी न होने पर अकारण तोड़फोड़ करना या गाली देना, बिना वजह उत्तेजित होना और भय या शक करना, नशा आदि की लत लगना, सिर की चोट के बाद उत्तेजनात्मक व्यवहार, मारपीट और तोड़फोड़ करना या गाली देना, छोटी-छोटी बातों में उलझना, स्वयं को बेकार समझना और निराशाजनक  विचारों में खो जाना, उदासी में गुमसुम रहना, बात न करना, एक ही विचार बार-बार आना तथा अपने ही कार्यों पर शंका करना, बेकार की बातें करना और दूसरों पर शक करना, नींद न आना या कम आना आदि कई लक्षण हैं, जिनके जाहिर होने पर मानसिक रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरुरी है।

डॉ. राणा ने बताया कि उनके पास मानसिक समस्याओं से ग्रस्त बहुत से लोग प्रतिदिन समाधान के लिए आते हैं। इन सभी का उपचार संभव है। उन्होंने मानसिक रोग ग्रस्त लोगों को भूत-प्रेत या झाड़-फूंक करने वालों के बहकावे में न आने की सलाह दी तथा ऐसे मरीज़ों को मानसिक रोग विशेषज्ञ को दिखाने की हिदायत दी।

उन्होंने थोड़ा राहत के साथ कहा कि हमारे देश में शिक्षा प्रसार के बाद जाग्रति आयी है तथा लोग भूत-प्रेत और इस तरह धंधेबाजों के चंगुल में कम ही फंसते हैं।

डॉ. अनंत राणा ने अभी इस दिशा में सामाजिक जागरुकता बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने मीडिया को ऐसी जन जागृति के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म बताया और कहा कि  पत्रकारों को इसके लिए अधिक सजग होने की जरुरत है।

-टाइम्स न्यूज़ मुरादाबाद.

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