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नगर और देहात में वितरित होने वाली दो सप्ताह की डाक के गट्ठर डाकघर में भरे पड़े हैं. |
नगर और देहात में वितरित होने वाली दो सप्ताह की डाक के गट्ठर डाकघर में भरे पड़े हैं। हालांकि पोस्ट मास्टर महेश कुमार मौर्य शहरी क्षेत्र में डाक वितरण की बात कह रहे हैं। शहर के कई लोग डाकघर में पहुंच कर अपनी डाक का पता लगाकर लाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन स्टाफ के अभाव में सीलबंद कट्टों और पैकिटों को खोला नहीं जा रहा।
यह हड़ताल केवल ग्रामांचलों में डाक वितरण करने वालों की है लेकिन वितरण में दिक्कत दोनों जगह है। शहर को अलग-अलग हिस्सों में बांट कर कुछ गांव उसमें जोड़कर एक ही डाक कर्मी को दे दिये गये हैं। ऐसे में हड़ताल के कारण कहीं भी डाक वितरण नहीं हो रहा।
डाक कर्मियों ने हड़ताल पर बैठे हुए बताया कि उनका वेतन आठ हजार के लगभग है। जबकि सरकारी चौकीदार भी आजकल 18 हजार से अधिक पाता है। सातवें वेतन आयोग के तहत उन्हें भी बीस हजार के करीब वेतन मिलना चाहिए जिसका वादा सरकार भी कर चुकी लेकिन अब मौन धारण कर चुकी है।
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गजरौला के पोस्ट मास्टर महेश कुमार मौर्य शहरी क्षेत्र में डाक वितरण की बात कह रहे हैं. |
मोटे वेतन और भत्ते पाने वाले अधिकारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ दे दिया गया है लेकिन डाक कर्मियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। डाक कर्मियों ने कहा है कि वे अपनी यूनियन के साथ हैं। जैसा आगे से आदेश आयोग करेंगे।
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गजरौला डाक घर में रखी डाक सामग्री. |
मई में दस दिन का वेतन काटा
डाक कर्मियों ने बताया कि एक बड़े अधिकारी के आदेश पर उनका दस दिन का वेतन भी काट दिया। इसी से सरकार के तानाशाही रवैये का सबूत मिलता है। उन्होंने बताया कि यदि उनका शोषण बंद कर उनके साथ न्याय नहीं हुआ तो आगामी चुनाव में सरकार को सबक सिखाएंगे।
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गजरौला स्थित पोस्ट ऑफिस. |
इनमें से सेवानिवृत्ति के निकट चल रहे दो डाक कर्मियों ने बताया कि उन्होंने इतना तानाशाही रवैया अपने शासनकाल में किसी सरकार का नहीं देखा।
धरना पर राजू गुप्ता, राजकुमार, गंगासरन सिंह, महेन्द्र सिंह, ओमप्रकाश, प्रेम सिंह, वीर सिंह, रामभरोसे आदि डाककर्मी मौजूद थे।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.