![]() |
जीवन की वास्तविकता से रुबरु कराते हुए अपराध और दोष की सच्चाई को भी बताया. |
उन्होंने कथा श्रवण से संयमित जीवन जीने की कला का विस्तार से वर्णन किया एवं बताया कि व्यक्ति कुछ भी करले उसे कर्मों का फल भोगना ही पड़ेगा। कथा वाचक ने भक्तों को कर्म और पुण्य का पाठ पढ़ाया। जीवन की वास्तविकता से रुबरु कराते हुए अपराध और दोष की सच्चाई को भी बताया। पापी की रक्षा करने वाला भी पाप का भागीदार होता है।
इस दौरान भारी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.