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छीतरा निवासी ज्ञानी इस सम्मानित पद तक पहुंचने वाले अपने गांव के दूसरे व्यक्ति हैं. |
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के छीतरा गांव निवासी ज्ञानी पारस बंगला साहिब में इस सम्मानित पद तक पहुंचने वाले अपने गांव के दूसरे व्यक्ति हैं। इनसे पूर्व उनके गांव के ज्ञानी हेम सिंह कई दशक तक बंगला साहिब में मुख्य ग्रंथी रहे हैं।
प्रमुख समाजसेवी स्व. मुंशी निर्मल सिंह चाहल, ज्ञानी योगेन्द्र सिंह के परदादा और ज्ञानी हेम सिंह के संरक्षक थे। ज्ञानी पारस की सफलता से उनके दिल्ली आवास और पैतृक गांव में उनकी माता संतोष कौर तथा बड़े भाई बलविन्दर सिंह एडवोकेट के यहां शुभकामनायें देने वालों का तांता लगा रहा। ज्ञानी जी बंगला साहिब में सबसे कम आयु वाले ग्रंथी हैं। उनके प्रवचन सुनने वालों की भारी संख्या है। वे धाराप्रवाह धार्मिक प्रवचन करने में बेहद लोकप्रिय हैं।
-टाइम्स न्यूज़ गजरौला.